राष्ट्रव्यापी छात्र एकजुटता मार्च के जवाब में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने घोषणा की है कि उनकी सरकार ‘व्यापक व प्रवर्तनीय आचार संहिता’ के साथ छात्र संघों को बहाल करेगी। ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने इमरान खान के रविवार के श्रंखलाबद्ध ट्वीट के हवाले से कहा, “हम अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों की अच्छी प्रथाओं का संकलन कर व्यापक व प्रवर्तनीय आचार संहिता स्थापित करेंगे और हम छात्र संघों की बहाली करेंगे और छात्र संघ युवाओं को सकारात्मक भूमिका के लिए तैयार करने में सक्षम होंगे।”
उन्होंने कहा, “विश्वविद्यालय देश के भविष्य के नेताओं को तैयार करेगे और छात्र संघ इन्हें तैयारी के अभिन्न हिस्से बनेंगे।”
उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से पाकिस्तानी विश्वविद्यालयों के छात्र संघ हिंसक लड़ाई के मैदान बन गए और परिसरों में बौद्धिक माहौल पूरी तरह से नष्ट हो गया है।”
29 नवंबर को समाज के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने देश भर में छात्र एकजुटता मार्च में सड़कों पर उतरे और छात्र संघों की बहाली की मांग की। इसमें छात्र, अधिकार कार्यकर्ता व समर्थकों ने हिस्सा लिया। पाकिस्तान में 1984 से छात्र संघों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
मार्च को दर्जनों शहरों में कई राजनेताओं व सरकारी अधिकारियों का समर्थन मिला।