पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इस महीने मलेशिया का दौरा कर सकते हैं। उनके इस दौरे को पिछले महीने कुआलालंपुर में हुए सम्मेलन से इस्लामाबाद के दूरी बनाने के फैसले से हुए नुकसान की भरपाई (डैमेज कंट्रॉल) के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने मंगलवार को आधिकारिक सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में कहा कि पिछले महीने सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देशों द्वारा मेजबान मलेशिया, तुर्की, ईरान और कतर के नेताओं के इकट्ठे होने पर अपनी आवाज उठाने के 11 घंटों के अंदर इस्लामाबाद ने खुद को क्वालालंपुर सम्मेलन से अलग कर लिया था।
वह सम्मेलन मुस्लिम देशों की समस्याओं पर चर्चा करने और उनके समाधान निकालने के लिए आयोजित किया गया था।
लेकिन विश्लेषकों को यह मलेशिया और अन्य समान विचारधारा के राष्ट्रों द्वारा नया इस्लामिक ब्लॉक बनाने का प्रयास लगा, जिसमें सऊदी अरब तथा अन्य खाड़ी देश शामिल ना हों।
मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने हालांकि ऐसी खबरों को खारिज कर दिया।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि माना गया कि इस दौरे पर महातिर को सफाई देंगे कि पाकिस्तान इस सम्मेलन से अलग क्यों हो गया।
इस्लामाबाद खुद तुर्की से संबंध बढ़ाना चाहता है।
सूत्र इसको लेकर आश्वस्त हैं कि तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के अगले महीने होने वाले पाकिस्तान दौरे से दोनों देशों को अपने बीच गलतफहमियां दूर करने में मदद मिलेगी।