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    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री

    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अमेरिकी अधिकारीयों और तालिबानी प्रतिनिधियों को अफगान शान्ति बातचीत के लिए आगामी सप्ताह इस्लामाबाद आने का न्योता दिया है। इस बैठक का मकसद अफगानिस्तान में 17 वर्षों से जारी युद्ध को समाप्त करना होगा।

    पाकिस्तान सरकार के आमंत्रण पर इस बैठक का आयोजन 18 फरवरी को होगा। इसका खुलासा तालिबान के प्रवक्ता  बुधवार को किया था। पाकिस्तान में स्थापित अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि “अमेरिका को कोई आमंत्रण नहीं मिला है, लेकिन अफगान शान्ति के प्रयासों का समर्थन करते हैं जिसमे अफगानी सरकार, तालिबान और अन्य अफगान शामिल हों।

    डेली पाकिस्तान के मुताबिक तीन वर्षों के पश्चात चरमपंथियों से बातचीत की शुरुआत पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। इमरान खान तालिबान के समर्थक है और इस बातचीत से अंतिम समझौते में उनका प्रभुत्व झलकेगा। तालिबानी प्रवक्ता ने कहा कि वह पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से अलग से मुलाकात करेंगे और अफगान के दूसरे देशों से साथ संबंधों और पाक में अफगान शरणार्थियों के बाबत बातचीत करेंगे।

    गेमचेंजर मुलाकात

    पाक सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि “यह मुलाकात गेम चेंजर होगी, पाकिस्तान में बातचीत से अफगान में स्थिरता की संभावनाएं बढ़ जाएँगी।” हाल ही में यूएई में तालिबान प्रतिनिधियों ने अफगान सरकार के अधिकारीयों, अमेरिकी राजदूत व अन्य लोगों से शांति के बाबत बातचीत की थी। साल 1996-2001 तक अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार रही थी। केवल सऊदी अरब, यूएई और पाकिस्तान ने तालिबान की सरकार को मान्यता दी थी।

    तालिबानी प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका और हमारे मध्य नियमित वार्ता का समय 25 फरवरी को तय किया गया है। नवम्बर में नाटो के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक अशरफ गनी की सरकार का प्रभाव या नियंत्रण 65 फीसदी जनता पर है लेकिन अफगानिस्तान के 407 जिले ही अफगान सरकार के पास है। तालिबान के दावे के मुताबिक वह देश के 70 फीसदी भाग पर नियंत्रण करता है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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