पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान जम्मू कश्मीर की प्रगति और समृद्धि को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि भारत ने अस्थायी प्रावधान को हटा दिया है। अमेरिका में भारत के राजदूत हर्ष वर्धन श्रृंगला ने कहा कि “कश्मीर में दखल देने का पाकिस्तान का बेतुका अभियान को कोई समर्थन नहीं मिलेगा और यूएन सुरक्षा परिषद् ने उनकी चर्चा की अपील को ठुकरा दिया है।”
पाकिस्तान के आतंकवाद फ़ैलाने की राह में रोड़ा
भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर लम्बे अरसे से जारी विवाद है और दोनों परमाणु संपन्न देश परमाणु युद्ध की धमकियाँ देते हैं। श्रृंगला ने बताया कि इमरान खान और उनके आला अधिकारी अनुच्छेद 370 को हटाने के भारत के निर्णय के एक सर्वनाशक छवि बना रहे हैं और भारत के साथ परमाणु संघर्ष की धमकी दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि “यह पक्सितन की आतंकवाद का इस्तेमाल राजनीतिक हथियार के तौर पर करने की रणनीति के लिए उपयुक्त है। यह वाही देश है जिसके निशान विश्व में आतंकवादी हमलो पर है और ओसामा बिन लादेन का उसकी आखिरी दिनों में पनाहगार बना था। इसलिए वह आर्टिकल 370 को हटाने का विरोध करेगा, और आर्थिक तरक्की को कभी स्वीकार नहीं करेगा।”
उन्होंने कहा कि “अधिक समृद्ध जम्मू कश्मीर और लद्दाख का इरादा पाकिस्तान के इरादों को मटियामेल कर देगा। उनके पीएम दावा करते हैं कि वह भारत के साथ शान्ति, प्रगति और समृद्धता से कार्य करने का प्रस्ताव देते हैं। उन्होंने जो नहीं कहा कि वह आतंकवादियों को असेंबल करते है जो उनके मुल्क का सबसे बड़ा उद्योग है।”
भारत के इस फैसले के पीछे श्रृंगला ने कारण बताया कि “इतिहास की गलती को सुधार है और ताज्य के आर्थिक उत्थान के दरवाजो को खोला है। इस परिवर्तन से राज्य में सामाजिक और आर्थिक न्याय होगा को शेष राष्ट्र से काफी पीछे चल रहा था।”
अपने मुल्क की तरक्की देखने का हक़
उन्होंने कहा कि “पाकिस्तानी पीएम को अपने मुल्क की अर्थव्यवस्था को चलाने का पूरा अधिकार है लेकिन पड़ोसी राष्ट्र के एक प्रान्त को उसी तरीके से नुकसान पंहुचाने के इरादे को अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा चुनौती दी जानी चाहिए।”
पाकिस्तानी पीएम ने आतंकवादियों के वित्तपोषण के खिलाफ जाँच करने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन फाइनेंसियल एक्शन टास्क फाॅर्स को पाकिस्तान के खिलाफ साजिश रचने वालो में शामिल बताया था। श्रृंगला ने कहा कि वह इस तथ्य को धूमिल करते हैं कि साल 2008 में मुंबई हमले के मास्टरमाइंड को पाकिस्तान में सुरक्षित पनाह मिल रखी है। पुलवामा हमला जैश ए मोहम्मद ने अंजाम दिया था और वह भी पाकिस्तान के एक बड़े शहर में खुले आम घूम रहा है।
इमरान खान द्वारा भारत में मुस्लिमो के साथ व्यवहार की भी श्रृंगला ने आलोचना की है। उन्होंने कहा कि “यह हास्यास्पद होगा क्योंकि असलियत इतनी भयावह नहीं है। जब पाकिस्तान का निर्माण हुआ था उसकी अल्पसंख्यक जनसँख्या 23 फीसदी थी जो अब तीन फीसदी पर आकर सिमट गयी है, यह आंकड़े खुद बोलते हैं। वहां असंख्य पीड़ित है शिया, अहमदी, ईसाई, हिन्दू और सिख जो भयावह सच्चाई को उजागर कर सकते हैं।”
राजदूत ने कहा कि “अनुच्छेद 370 को हटाने से भारत के बाहर किसी को असर नहीं पड़ा। बाहरी सीमाओं को नहीं बदला गया है न ही पाकिस्तान के साथ लाइन ऑफ़ कंट्रोल में कोई प्रभाव हुआ हिया। जो बदला है वो यह है कि अब इस राज्य के लोगो में विकास की उम्मीदे जाग गयी है और पाकिस्तान के सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करने में बाधा उत्पन्न हो गयी है।”
उन्होंने कहा कि “पाक पीएम को अब जाग जाना चाहिए और चाय की खुशबू लेनी चाहिए। विकास होगा, प्रगति दिखेगी, समृद्धता की लाह आएगी और आतंकवाद का सफाया होगा। भारत को उम्मीद है कि दक्षिण एशिया के अन्य पड़ोसियों की तरह ही पाकिस्तान में समान्य पड़ोसी की तरह व्यवहार करना सीख जाए।”