भारत की कूटनीतिक बढ़त के कारण ब्रिटेन की संसद में पाकिस्तान का कश्मीरी राग विफल साबित हुआ है। भारत ने ब्रिटेन सरकार को उनकी सरजमीं का इस्तेमाल भारत विरोध एजेंडा के लिए न इस्तेमाल होने देने की हिदायत दी थी। पकिस्तान के विदेश मंत्री के कश्मीर एकता दिवस पर भारत विदेशी भाषण के ही दिन इमरान खान ने ट्वीटर पर कहा कि “भारतीय सेना के अत्याचार से परेशान होकर, कश्मीरियों ने भारतीय हुकूमत से स्वतंत्रता की मांग करते हुए रैली निकाली है। भारत की सेना चरमपंथियों से नही बल्कि भारत अधिकृत कश्मीर की जनता से जंग लड़ रही है। शांति पसंद लोगों को कश्मीरियों के साथ खड़ा होना चाहिए।”
The brutality of Indian security forces in Occupied Kashmir has rallied all Kashmiris together in their demand for freedom from Indian Occupation. The Indian army is not fighting insurgents but an entire people in IOK. All freedom loving ppl in the world must stand with Kashmiris
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) February 5, 2019
इमरान खान ने कहा कि 70 वें अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस पर ऐलान करता हूँ, कि पाकिस्तान जम्मू कश्मीर के की जनता के मानवीय गौरव, सम्मान और स्वतंत्रता के अधिकार के लिए संघर्ष में उनका समर्थन करेगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार परिषद् में प्रवेश किया है तो इस लिहाज से भी यह सार्थक है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान को दूसरे देशों के मसलों में दखलंदाजी करने से बेहतर, अपने मामलों पर ध्यान देना चाहिए जहां सब कुछ उथल पुथल है। रवीश कुमार ने कहा कि “मेरे ख्याल से यह अच्छा होगा यदि इमरान खान अपने काम से मतलब रखे और जरा अपने घरेलू मसलों पर ध्यान दें, जहां सब बिखर रखा है।
रवीश कुमार ने कहा कि इमरान खान को अपनी सरजमीं से आतंवाद को संचालित कर रहे समूहों के खिलाफ कार्रवाई पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से ऐसे बयान ‘निष्ठहीनता’ और ‘कपट’ का प्रदर्शन करते हैं।