पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र को सम्बिधित करते हुए परमाणु युद्ध के गंभीर परिमाणों की चेतावनी दी है। भारत के साथ कश्मीर के मामले पर परमाणु युद्ध होने की चेतावनी दी है। उन्होंने अपने संबोधन को तय समय से 15 से 20 मिनट तक अधिक खींचा था।
पाकिस्तान की परमाणु जंग की धमकी
उन्होंने कहा कि “अगर दोनों देशो के बीच एक पारंपरिक युद्ध शुरू हो गया तो कुछ भी हो सकता है। अपने पड़ोसी से सात गुना छोटे देश को क्या करना चाहिए, या तो अपने घुटने टेक दे या अपनी आज़ादी के लिए युद्ध करे।” इमरान खान ने यूएन में एक बार फिर कश्मीर राग अलापा था।
खान ने कहा कि “हमारा यकीन है कि हम लड़ेंगे और जब एक पामाणु संपन्न देश अंत तक जंग लड़ता है तो उसके परिणाम सीमा के बाहर तक असरदायक होते हैं। मैं आपको चेतावनी दे रहा हूँ। यह धमकी नहीं है लेकिन चिंताजनक है कि हम किस तरफ जा रहे हैं। अगर यह गलत हुआ तो अच्छे की उम्मीद करे वरना भयानक आपदा के लिए तत्पार रहे।”
पुलवामा आतंकी हमले के बाबत खान ने कहा कि “हमारी सरकार ने जैश ए मोहम्मद द्वारा किये इस आतंकी हमले के सबूत मांगे थे। वहां हमेशा एक और पुलवामा हमले का डर बना रहेगा। शायद वे वप्साए और हम पर बमबारी करे और एक नया सिलसिला शुरू हो जाये।”
इमरान खान ने कहा कि “अगर एक बार कश्मीर से कर्फ्यू हटा दिया गया तो वहां रक्तपात हो जायेगा। वहां 900000 सैनिक तैनात है, वे नरेंद्र मोदी के कहे मुताबिक समृद्धता के लिए नहीं आये हैं। यह सैनिक वहां क्या कर रहे हैं? कब वह वापस जायेंगे? वहा रक्तपात मच जायेगा।”
खान ने दावा किया कि सत्ता में वापसी के बाद मोदी ने उनके शान्ति प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया नहीं दी है। कश्मीर मामले का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने में नाकाम होने के बाद इमरान खान ने इसका ठिकड़ा विश्व के सिर पर फोड़ा है। उन्होंने कहा कि “भारत की 1.2 अरब लोगो की उभरते बाजार को देखते हुए वैश्विक समुदाय इस मुद्दे को नजरंदाज़ कर रहा है।
उन्होंने कहा कि “कश्मीर मामले पर विश्व ने कुछ भी नहीं किया है क्योंकि भारत में एक भारी बाज़ार है। अफ़सोस, बाज़ार को मानव से ज्यादा तरजीह दी जा रही है। लेकिन इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं और मैं इसे दोहराने के लिए ही यहाँ मौजूद हूँ।”