पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने क्षेत्र में संघर्ष के जोखिम के खिलाफ चेतावनी जारी की है। हाल ही में ईरान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ने के बाद विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने इस्लामाबाद की यात्रा की थी। अमेरिका और ईरान के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है।
हाल ही में खाड़ी क्षेत्र में तेल टैंकरों पर हमला किया गया था जिसके कसूरवार अमेरिका ने ईरान को ठहराया था। हालाँकि तेहरान ने हमले से खुद को पाक साफ़ बताया था। अमेरिका ने मध्य पूर्व में 1500 अतिरिक्त सैनिको की तैनाती की थी और एक युद्धपोत और बी-52 बमवर्षक की तैनाती को मंज़ूरी दी थी।
इमरान खान अपने पड़ोसी मुल्क ईरान के साथ तनावपूर्ण संबंधों को बेहतर करने की जुगत में है। उन्होंने कहा कि “वह खाड़ी में तनाव बढ़ने से चिंतित है लेकिन उन्होंने अमेरिका या सऊदी अरब का नाम स्पष्ट तौर पर नहीं लिया है।”
प्रधानमंत्री के हवाई से दफ्तर ने कहा कि “किसी भी समस्या का समाधान जंग नहीं है। पहले से ही अस्थिर क्षेत्र में और तनाव में वृद्धि होना किसी के हित में नहीं है। मौजूदा हालातो में सभी पक्षों को अधिकतम संयमता बरतने की जरुरत है।” वांशिगटन निरंतर ईरान पर प्रतिबंधों को सख्त करता जा रहा है और दोनों देशों के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल में सम्बन्ध सबसे निम्न स्तर पर पंहुच गए हैं।”
पाकिस्तान की दो दिनों की यात्रा के बाद जावेद जरीफ ने ईरानी टीवी आईआरएनए से कहा कि तेहरान के खिलाफ अमेरिका के आरोप तनाव को बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि “यह कार्रवाई वैश्विक शान्ति और स्थिरता के लिए खतरा हो सकती है।”
इस माह की शुरुआत में सऊदी अरब के दो टैंकरों सहित चार टैंकरों पर हमला किया गया था और इसके बाद सऊदी अरब की तेल पाइपलाइन पर ड्रोन से हमला किया गया था जिसकी जिम्मेदारी यमन के हौथी विद्रोहियों ने ली थी। अमेरिका ने सऊदी अरब को अरबो के हथियारों को बेचने के समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए थे।