पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पूर्व पत्नी रेहम खान ने कथित कश्मीर एकजुटता ऑवर की निंदा की है और इसे नाकाम कहा है।
रेहम खान ने उर्दू में शुक्रवार को पोस्ट कर कहा कि वो जिन्होंने कश्मीरियों के साथ इजहार ए यकजहीती के लिए हर जुम्मा 30 मिनट खड़ा होना था, उनकी हिम्मत एक हफ्ते में ही जवाब दे गई। शायद चयनित मौसम के बेहतर होने का इंतजार कर रहे हैं, फिर करेंगे इजहार ए यागजहिती।
भारत ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला लिया था और इसके बाद पाकिस्तान ने कश्मीरी जनता के साथ खड़े होने के लिए हर शुक्रवार के दिन को तय किया था। सरकारी विभागों की उत्सुकता के बावजूद अवाम के बीच कश्मीरियों के लिए कोई भाव नही दिखा था।
पाकिस्तान ने कश्मीर के मामले का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की कोशिश की थी। यूएन सुरक्षा परिषद के चार स्थायी सदस्यों पाकिस्तान को इस मुद्दे पर झटका दिया था। इसमे फ्रांस, रूस और अमेरिका शामिल है।
भारत ने कश्मीर पर अपनो स्थिति को सख्त रखा है कि उनका आंतरिक मामला है और इसमे किसी तीसरे पक्ष की दखलंदाजी बर्दाश्त नही करेंगे और साथ ही पाकिस्तान को सच्चाई स्वीकारने की सलाह दी थी।
पाकिस्तान में अर्थव्यवस्था बिगड़ती जा रही है और महंगाई चरम पर है। पाकिस्तान में गरीबी बढ़ती जा रही है और सरकार के प्रति विरोध भावना बढ़ रही है।
पाकिस्तान के विदेश मन्त्री शाह महमूद कुरैशी ने मंगलवार को कहा कि “भारत के साथ वार्ता के जरिये हम कश्मीर मसले का शांतिपूर्ण समाधान निकालना चाहते हैं। इमरान खान खुद स्वीकार किया है कि उनके देश में करीब 40,000 आतंकवादी हैं। इस के बावजूद कुरैशी ने दावा किया कि भारतीय सेना द्वारा कश्मीरी लोगों को वहां संचार बंद करके बाहरी दुनिया से अलग किया गया है।