भारत के कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का बयान एक तरह से उनका अपने गुनाह को कबूल करना है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आतंकी हमले की निंदा करते हुए इसमें अपने मुल्क के शामिल होने के आरोपों को खारिज कर दिया, लेकिन भारत को कोई सख्त कदम न उठाने की चेतावनी दी थी।
पाक पीएम ने आतंकी हमले की निंदा तक नहीं की
मंगलवार शाम को कैबिनेट में अरुण जेटली ने कहा कि “पाक पीएम का यह बयान जुर्म को स्वीकार करना है और इस गुनाह के साजिशकर्ता, उस देश में हैं जहां के प्रधानमंत्री श्री इमरान खान है।” कैबिनेट मंत्री ने कहा कि “पाकिस्तान प्रधानमंत्री ने पुलवामा आतंकी हमले की न निंदा की और न शहीदों के परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्ति की थी।”
अरुण जेटली ने कहा कि “इमरान खान भारत से सबूतों की मांग कर रहे हैं। भारत ने साल 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले में सबूत और ख़ुफ़िया विभाग की जानकारी मुहैया की थी, लेकिन पाकिस्तान ने उन सबूतों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की थी।”
पाक पीएम का सन्देश
वीडियो सन्देश के जरिये पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि “पाकिस्तान पर हमला ‘अटैक पाकिस्तान’ चुनावों के मद्देनज़र किया जा रहा है। लेकिन अगर यह सब गंभीर है तो एक बात स्पष्ट है कि, पाकिस्तान बदला लेने की सोचेगा नहीं, प्रतिकार करेगा।”
इस पर अरुण जेटली ने कहा कि “हमारे सुरक्षा बल हालातों को सँभालने में सक्षम है। साजिशकर्ताओं का विनाश किया जाएगा। हमारे सुरक्षा बल निरंतर इस पर निगरानी रखेंगे। वैश्विक समुदाय ने भारत के रुख का समर्थन किया है।”
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि “पाकिस्तान स्थिरता की तरफ बढ़ रहा है। हम ऐसी ओछी हरकत क्यों करेंगे ? अगर आपके पास कोई खुफिया जानकारी है कि पाक इसमें शामिल है, तो इसे हमें दो। मैं गारंटी देता हूँ कि कार्रवाई होगी, इसलिए नहीं कि हम दबाव में हैं बल्कि इसलिए क्योंकि वह पाकिस्तान दुश्मनों की तरह व्यवहार कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि जंग की शुरुआत करना आसान है लेकिन उसे खत्म करना बेहद मुश्किल है। मैं भारत से पूछना चाहता हूँ कि वह पूर्व में जीना चाहता हैं। यह हमारे हित मे नहीं है, कोई यहां से आतंकवाद करने बाहर नहीं जाता है और न ही कोई यहां आकर आतंकवाद करता हैं।”