पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को वैध पंजीकृत अफगान शरणार्थियों को बैंक खाते खुलवाने की इजाजत दे दी हैं और देश की अधिकारिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनने का मौका दिया है। पाकिस्तान में तक़रीबन 30 लाख अफगान शरणार्थियों को शरण दी गयी है और इसमें आधे से अधिक वैध शरणार्थी है। उन्हें पाकिस्तान में रहने और कार्य करने की आधिकारिक अनुमति है। इसके आलावा गई पंजीकृत शरणार्थियों को गैर कानूनी तौर से रह रहे विदेशी के तौर पर देखा जाता है।
इमरान खान ने ट्वीट का कहा कि “मैं आदेश दे दिए हैं कि वैध अफगान शरणार्थियों को बैंक खाते खोलने की इजाजत दी जाए और अब से वे देश की आधिकारिक अर्थव्यवस्था में भागीदारी कर सकते हैं। यह काफी समय पूर्व ही हो जाना चाहिए था।”
अफगानिस्तान में सोवियत संघ की घुसपैठ के बाद साल 1980 में अधिकतर अफगान शरणार्थी पाकिस्तान चले गए थे। संयुक्त राष्ट्र मानवधिकार परिषद् के साथ शरणार्थियों की देश वापसी के लिए पाकिस्तान कार्य कर रहा है। हालाँकि यह योजना काफी धीमी गति से आगे बढ़ रही है क्योंकि शरणार्थी सुरक्षा कारणों से देश वापस नहीं लौटना चाहते हैं।