मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहीम सोलिह ने सरकार के मंत्रियों को भ्रष्टाचार के आरोप में पद से बर्खास्त कर दिया है। मंत्रियों पर 90 अरब डॉलर के वित्तीय हेरा-फेरी के कथित आरोप लगाए गया थे।
रायटर्स के मुताबिक इंफ्रास्ट्रक्चर राज्य मंत्री अकरम कमालुदीन और युवा मंत्री अहमद महलूफ पर एसओएफ प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा कथित रूप से धनराशि लेने के आरोप है, जो द्वीप के विकास में इस्तेमाल किये जाने थे।
राष्ट्रपति का चुनावी अभियान
मंत्री महलूफ ने बयान में कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है। वही कमालुदीन ने कहा कि “वह मंत्रियों को बर्खास्त करने के राष्ट्रपति सोलिह के निर्णय का सम्मान नहीं करते हैं।” हालंकि एसएफ कंपनी ने इस बाबत कोई टिपण्णी नहीं की है।
सत्ताधारी पार्टी के चुनाव अभियान के दौरान इब्राहीम सोलिह ने कहा कि “हमारी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ेगी और उसके लिए हम सब कुछ करेंगे। जो संभव है वो सब करने को हम तैयार है।” मालदीव में 6 अप्रैल को संसदीय चुनावों का आयोजन होना है।
पूर्व राष्ट्रपति भी इस मामले में आरोपी
मालदीव मीडिया नें बताया, एक समझौते में पूर्व राष्ट्रपति ने एक द्वीप में पर्यटकों के लिए रेसॉर्ट के निर्माण के लिए किराए पर दिया था और उनके बैंक में 10 लाख डॉलर की राशि भेजी गयी थी। पुलिस ने जांच के बाद बीते हफ्ते कहा कि “पूर्व राष्ट्रपति ने राजकीय कोषगृह से धनराशि का गबन किया है।” साल 2014 हवाला कानून के तहत अपराधी को 15 वर्ष तक की सज़ा हो सकती है और 64850 रूपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
यमीन को 10 लाख डॉलर सरकारी धन को वापस करने के आदेश दिए गए थे लेकिन जांच में यह मालूम हुआ कि उन्होंने पैसा नहीं लौटाकर, लेन-देन कर मुनाफा कमाया था। बहरहाल, अब्दुल्ला यमीन ने इन आरोपों को ख़ारिज किया है।बीते सप्ताह उनकी कानूनी टीम ने इन आरोपों को खारिज किया और इसे संसदीय चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास बताया था।