कंपनी के मुख्य कार्य अधिकारी (सीईओ) विशाल सिक्का के इस्तीफा देने के बाद से ही इनफ़ोसिस सकते में आ गयी हैं। कल विशाल के इस्तीफा देने के फैसले से कंपनी के शेयर बुरी तरह से गिर गए थे। शेयर मार्किट बंद होने तक इनफ़ोसिस के शेयर में करीबन 9 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आयी थी। इसके बाद आज कंपनी के बोर्ड ने फैसला किया हैं कि वह करीबन 13000 करोड़ रूपए के शेयर वापस खरीदेगी। इसके लिए कंपनी 1150 रूपए प्रति शेयर खर्च करेगी। इस दौरान कंपनी करीबन 11.3 करोड़ शेयर खरीदेगी जो कंपनी के कुल शेयर का करीबन पांच फीसदी हैं।
इससे पहले कल कंपनी के शेयर गिरने से शेयर बाजार में हलचल मच गयी थी। सेंसेक्स करीबन 270 अंक नीचे गिर गया था। इससे निवेशकों के करीबन 22000 करोड़ रूपए डूब गए थे। इसके बाद ही कंपनी ने कुछ शेयर वापस खरीदने का फैसला किया था। शेयर वापस खरीदने से कंपनी के शेयर कम हो जाते हैं और इससे कंपनी का हिस्सा ज्यादा हो जाता हैं। इसके साथ ही प्रति शेयर कमाई भी ज्यादा हो जाती हैं। इसके अलावा इससे कंपनी में निवेशकों की कमाई भी बढ़ जाती है। इससे पहले इस साल टाटा ने भी यह कदम उठाया था।
विशेषज्ञों की माने तो इनफ़ोसिस का यह फैसला सही है और निकटतम समय में कंपनी के शेयर बचाने का इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि सोमवार को जब शेयर बाजार खुलेगा तो इनफ़ोसिस के शेयर चर्चा में रहेंगे। पिछले एक साल में इनफ़ोसिस की शेयर कीमत लगातार गिरती जा रही है। इसका मुख्य कारन बाज़ार में इस सेक्टर की मंदी बताई जा रही है। कल विशाल सिक्का के इस्तीफा देने के बाद कंपनी के शेयर इस साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे। इनफ़ोसिस का शेयर 9 फीसदी गिरकर 884.40 पर पहुँच गया था। सोमवार को इसमें बदलाव देखने के आसार हैं।