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    इनफ़ोसिस नौकरी

    भारत के आईटी जगत की सभी बड़ी कंपनियों ने पिछले कुछ समय में अपने काफी कर्मचारियों को नौकरी से बाहर कर दिया है। इसके अलावा बाकी कंपनियों ने अपनीं भर्ती में काफी हद तक कटौती कर दी है।

    आईटी छेत्र को भारत में सेवा के छेत्र में सबसे बड़ा छेत्र माना जाता है। भारत में इस छेत्र की कुल कीमत 156 बिलियन डॉलर यानी करीबन 10 लाख करोड़ रूपए है। इस छेत्र को सबसे ज्यादा नौकरी देने वाला छेत्र भी कहा जाता है।

    इस वित्तीय साल के शुरुआती 6 महीनों में इनफ़ोसिस, विप्रो, टेक महिंद्रा समेत सभी बड़ी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती देखी है। कॉग्निजेंट कंपनी ने तो 5000 से ज्यादा लोगों को नौकरी से निकाल दिया है।

    टीसीएस ओर एचसीएल के कर्मचारियों की संख्या में हालाँकि गिरावट नहीं देखने को मिली है, लेकिन यदि टीसीएस द्वारा भर्ती किये गए कर्मचारियों को पिछले साल से तुलना करें, तो इस साल उन्होंने काफी कम मात्रा में लोगों को भर्ती किया है।

    इस सन्दर्भ में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘ यह उद्योग छेत्र काफी नाजुक समय से गुजर रहा है। आने वाले समय में रोबोट ओर स्वचालित मशीनों के आने से इस समय कंपनियों के लिए लोगों को भर्ती करना मुश्किल हो रहा है। यह पहली बार हुआ है कि हमने भर्ती होने वाले लोगों की संख्या में ना सिर्फ धीमा विकास देखा है बल्कि लोगों की संख्या में कटौती देखी है।’

    कैंपस भर्ती में भी आने वाले समय में कटौती देखने को मिल सकती है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जिन लोगों के पास परंपरागत और पुरानी शिक्षा है, उनके लिए आने वाले में और मुश्किल हो सकती है।

    आने वाले समय में कृत्रिम बुद्धिमता, स्वचालन और अन्य नए विषय महत्वपूर्ण होंगे और ज्यादातर नौकरियां भी इन्ही चित्रों में लोगों को मिलेंगी।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।