शनिवार को भारत की नंबर एक आईटी कंपनी इन्फोसिस ने सलील एस पारेख को अपना मुख्य कार्यकारी अधिकारी (चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर) नियुक्त किया है। हांलाकि पारेख की यह नियुक्ति 2 जनवरी 2018 से प्रभावी होगी। बतौर इन्फोसिस सीईओ सलिल पारेख मैनेजिंग डायरेक्टर का भी पदभार संभालेंगे। पारेख अगले 5 वर्षों तक इन दोनों पदों पर बने रहेंगे।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि विशाल सिक्का के इस्तीफे के बाद से प्रवीण राव सीईओ के रूप में अंतरिम सेवाएं प्रदान कर रहे थे। हांलाकि सलिल पारेख के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में नियुक्ति लेने तक अंतरिम सीईओ के रूप में प्रवीण राव अपनी सेवाएं देते रहेंगे।
इन्फोसिस कमेटी के प्रेसिडेंट किरण मजूमदार-शॉ ने कहा, हम सीईओ और प्रबंध निदेशक पद पर सलिल पारेख की नियुक्ति कर काफी खुश हैं। उन्होंने कहा वे इस पद योग्य सभी उम्मीदवारों में पहली विकल्प बने। शॉ के अनुसार सलिल के पास इन्फोसिस की अगुवाई करने की असीम क्षमता है।
आप को बता दें कि कंपनी पूर्व सीईओ विशाल सिक्का ने व्यक्तिगत हमलों को कारण मानते हुए अगस्त में अपने इस्तीफे की घोषणा की थी। दरअसल विकास सिक्का ऐसे पहले व्यक्ति थे, जिनकी नियुक्ति 2014 में कंपनी ने बतौर सीईओ की थी, विशाल सिक्का जर्मन सॉफ्टवेयर निर्माता कंपनी एसएपी एसई से जुड़े थे।
गौरतलब है कि इन्फोसिस के फाउंडर नंदन नीलेकणि ने सीईओ के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कंपनी के राजस्व (करीब 2 बिलियन डॉलर) में चार गुना बढ़ोतरी की थी। सलिल पारेख आईटी सेक्टर में तीन दशकों तक काम करने का अंतर्राष्ट्रीय अनुभव रखते हैं। इन्फोसिस में बतौर सीईओ चुने जाने से पहले पारेख फ्रांसीसी कंपनी कैपजेमिनी के कार्यकारी बोर्ड के मेंबर थे।