भाजपा के राज्यसभा सांसद के.जी. अल्फोंस ने कहा कि इतिहास में जो गलत था, उसे सरकार सही कर रही है। उन्होंने कहा कि विवादास्पद नागरिकता संशोधन विधेयक पड़ोसी देशों में सताए गए अल्पसंख्यकों को जीने का अधिकार देता है। विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए अल्फोंस ने कहा कि भारत दबे-कुचलों का घर रहा है और यही कारण है कि सरकार यह विधेयक लाई है।
भाजपा सांसद ने कहा, “भारत वह स्थान है जहां ईसा मसीह को क्रूस पर चढ़ाए जाने के बाद, उनके शिष्यों में से एक केरल आए और सीरियन चर्च बसाया। किसने उन्हें भारत में फलने-फूलने दिया? यह हिंदू थे। आज सीरियाई ईसाई सबसे समृद्ध समुदाय हैं, क्योंकि भारत ने उन्हें यहां फलने-फूलने दिया।”
उन्होंने कहा कि जब धार्मिक अल्पसंख्यकों को सताया जाता है तो दुनिया की जिम्मेदारी है कि उन्हें शरण दे।
अल्फोंस ने कहा, “यह विधेयक वही करता है।”
नागरिकता संशोधन विधेयक 2019, हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समदाय के सदस्यों को भारतीय नागरिकता प्रदान करता है, जो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के बाद भारत आए हैं। विधेयक के पारित हो जाने के बाद उन्हें अवैध अप्रवासी नहीं माना जाएगा और उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी।