इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू गुरुवार को गुपचुप तरीके से ओमान की यात्रा पर पहुंचे थे। बीते 20 वर्षों में इजरायल के नेता की ओमान की पहली यात्रा है। आधिकारिक सूचना के मुताबिक यह दौरा क्षेत्रीय संबंधों को मज़बूत करेगा।
इजरायली प्रधानमंत्री गुरुवार को ओमान के सुल्तान काबूस से मिले और उनके इजरायल वापस लौटने तक इस सूचना को गुप्त रखा गया था। हालांकि दोनों देशों के मध्य कोई समझौता नही हुआ है।
यह यात्रा बेंजामिन नेतन्याहू के लिए फ़ायदेमंद साबित हो सकती है क्योंकि वह हमेशा फिलिस्तान को छोड़कर अरब देशों के साथ मज़बूत संबंध के पक्ष में रहे हैं।
बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्वीटर पर बैठके की विडियो अपलोड करते हुए लिखा कि ओमान की विशेष यात्रा, हम इतिहास बन रहे हैं। प्रधानमंत्री दफ्तर के प्रवक्ता ने कहा कि बेंजामिन नेतन्याहू और सुतं काबूस ने मिडिल ईस्ट में शांति प्रक्रिया के बाबत बातचीत की साथ ही अन्य हितैषी क्षेत्रों के बाबत भी वार्ता की थी।
חזרתי היום לישראל בתום ביקור מדיני רשמי בעומאן, שם נפגשתי עם שליט עומאן הסולטן קאבוס בן סעיד.
רעייתי ואני הוזמנו לביקור על-ידי שליט עומאן הסולטן קאבוס בן סעיד, לאחר מגעים ממושכים שהתנהלו בין המדינות. זה המפגש הרשמי הראשון בדרג זה, מאז שנת 1996 pic.twitter.com/9tVHdIzmOb
— Benjamin Netanyahu (@netanyahu) October 26, 2018
बेंजामिन नेतन्याहू के साथ उनकी पत्नी सारा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और खुफिया विभाग के प्रमुख ओमान गए थे। इजरायल के बयान के मुताबिक ओमान के सुल्तान ने बेंजामिन नेतन्याहू को आमंत्रित किया था।
फिलिस्तान की खबरों के मुताबिक फिलिस्तानी राष्ट्रपति महमूद अब्बास भी इसी हफ्ते ओमान की यात्रा पर गए थे।
साल 1994 में इजरायल के प्रमुख यितज़हक राबिन ओमान की यात्रा पर गए थे। साल 1996 में कार्यकारी प्रधानमंत्री शिमोन पेरेस भी ओमान गए थे जहां दोनो राष्ट्रों के मध्य मुक्त व्यापार पर रज़ामंदी हुई थी।
इजराइल के इस समय फो अरब देशों जॉर्डन और मिस्र के साथ कूटनीतिक संबंध है। बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि अगर वह फिलिस्तान के साथ शांति स्थापित करते हैं तो अरब दुनिया के दरवाजे खुल जाएंगे। उन्होंने कहा कि इजरायल की तकनीक और नवीनता अरब देशों के सात शांति स्थापित करने में मददगार होगी।
बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि कुछ देशों को छोड़कर हमारी नवीनता के कारण अधिकतर अरब देश इजराइल के साथ रिश्ते कायम करना चाहते हैं और यही शांति की ओर पहला कदम होगा।