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    गाज़ा-इजराइल सीमा

    इजराइल का निर्माण साल 1948 में हुआ था और फिलिस्तानियों से जंग के दौरान हज़ारो लोगो को उनके घरो से भागने के लिए मज़बूर होना पड़ा था। गार्डियन के मुताबिक 15 मई को विस्थापित हुए लोग रैली का आयोजन करते हैं और इस प्रदर्शन के दौरान इजराइल की सेना ने 16 लोगो की हत्या कर दी थी।

    इजराइल से पलायन

    सात दशक पूर्व 700000 लोग अपने गाँवों और शहरो को छोड़कर भाग गए थे या निर्वासित हुए थे। इस दिन को फिलिस्तानी नकबा यानी तबाही के दिन कहा जाता है। बुधवार को भारी संख्या में लोगो का हुजूम एकत्रित हुआ था और हमास ने सामान्य हड़ताल का ऐलान किया था और स्कूलों को बंद करने का हुक्म दिया था।

    गाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि “गोली, रबर से ढकी हुई स्टील की गोलियों, शार्पनेल और आंसूगैस से कुल 65 लोग जख्मी हो गए थे। इन लोगो में 22 बच्चे और तीन स्वास्थ्यकर्मी भी शामिल है। विवादित येरुशलम में विवादित दूतावास के उद्धघाटन का विरोध करने के लिए हज़ारो लोग गाज़ा पर एकजुट हुए थे। इसमें इजराइल की स्नाइपर से 60 लोगो की मौत हो गयी थी।

     गाज़ा पर विरोध प्रदर्शन

    इजराइल की सेना की गोलियों से 200 से अधिक लोगो की मृत्यु हुई थी और 7000 लोग घायल हुए थे। यूएन की तफ्तीश में इजराइल की कार्रवाई को युद्ध अपराध करार दिया गया था। स्नाइपर से पत्रकारों, स्वास्थ्य कर्मियों, बच्चों और दिव्यांग लोगो पर भी गोलिया चलाई गयी थी।

    इजराइल और चरमपंथियों के बीच नियमित संघर्ष जारी  रहता है और इससे इजराइल और हमास के बीच चौथी जंग का खतरा मंडराता रहता है। मार्च में इजराइल और हमास के बीच एक अनौपचारिक समझौता हुआ था जिसके तहत इजराइल  गोलीबारी रोकने के लिए सहमत था यदि हमास अपने लोगो को सीमा की बाढ़ से पीछे रखेगा।

    इजराइल की रक्षा सेना ने कहा कि “करीब 10000 दंगाई और प्रदर्शनकारी सीमान्त समेत कई इलाकों में एकत्रित हुए थे। दंगाई टायर्स को आगजनी करने और पत्थर फेंकने की तैयारी कर रहे थे। गाज़ा पट्टी से कई विस्फोटक यंत्रों को फेंका गया था।” आईडीएफ ने मैदान पर भीषण आग एक तस्वीर जारी की और कहा कि यह एक आग लगाने वाले यंत्र के कारण हुआ है।

    इसके आलावा मार्च कब्जाए हुए वेस्ट बैंक के रामल्लाह और बेथलेहम शहरो में हुआ था जो गाज़ा से अलग है।  फिलिस्तीनी राजनीतिक दलों और नागरिक समाज समूहों ने गाज़ा पर इजराइल-मिस्र की पाबन्दी को खत्म करने के लिए कहा और फिलिस्तीनी शरणार्थियों को वापस इजराइल के अपने घरो में जाने की

    मध्य पूर्व में करीब 50 लाख फिलिस्तीनी शरणार्थी है इसमें सबसे अधिक गाज़ा में 20 लाख निवासी है। इजराइल के  मुताबिक, उनकी वापसी देश की यहूदी बहुलता को प्रभावित कर सकती है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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