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    गाज़ा- इजराइल पर संघर्ष

    गाज़ा के क्षेत्र पर तनाव बढ़ता जा रहा है। शनिवार को गाज़ा से इजराइल की तरफ एक रॉकेट लांच किया गया था क्योंकि शुक्रवार को इजराइल की सेना ने गाज़ा पट्टी पर चार फिलिस्तानी नागरिकों की हत्या की गयी थी। इजराइल की रक्षा सेना ने डोम मिसाइल की मदद से रॉकेट्स की पहचान कर ली थी।

    गाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय एक मुताबिक, इजराइल की सेना ने दो नागरिकों को गोलीबारी के दौरान मारा था जबकि अन्य दो की हवाई हमले में मृत्यु हुई थी। इसके अलावा 51 अन्य लोग गोली के जख्मो से जूझ रहे हैं। फिलिस्तानी प्रदर्शनकारियों के साथ संघर्ष के दौरान दो इजराइल के सैनिको को चोट लग गयी थी और इसके बाद इजराइल की सेना ने गाज़ा पट्टी पर धावा बोला था।

    इजराइल रक्षा सेना के प्रवक्ता के मुताबिक, गाज़ा बॉर्डर पर कुछ रोड और साइट्स शुक्रवार की वार्डर के बाद बंद है इसमें ज़िकिम बीच भी शामिल है। हमास और इस्लामिक जिहादी अधिकारी सीमा पर शान्ति कायम करने के प्रयास के लिए मिस्र की यात्रा पर है।

    साप्ताहिक प्रदर्शन के लिए 5000 फिलिस्तानियों का हुजूम सड़कों पर उतरा था। इसके बाद से इजराइल-गाज़ा सीमा पर सैन्य गतिविधियों में खासा इजाफा हुआ है। ‘ग्रेट मार्च ऑफ़ रिटर्न’ या साप्ताहिक प्रदर्शन बीते वर्ष शुरू हुआ था। इस प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों ने अपने घर वापस जाने के अधिकार की मांग की थी।

    साल 1948 में इजराइल के निर्माण के दौरान फिलिस्तानियों को भागने के लिए मज़बूर किया गया था। गाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, इजराइल की सेना ने बीते वर्ष से 275 प्रदर्शनकारियों की हत्या की है और 17000 से अधिक लोगो को जख्मी किया है।

    दिसंबर 2008 से इजराइल ने गाजा पट्टी पर तीन आक्रमक हमले किये हैं और उनके इंफ्रास्ट्रक्चर को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया है और हज़ारो लोगो की हत्या की है। इससे पिछली बार जंग साल 2014 में हुई थी। यूएन ने आगाह किया है कि साल 2020 तक गाज़ा पट्टी रहने योग्य नहीं रह जाएगी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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