इजराइल और फिलिस्तीन के मध्य हिंसा और उग्रता बढ़ने से शान्ति का प्रस्ताव धूमिल होता जा रहा है। यूएन के राजदूत ने कहा कि इससे युद्ध के आसार बढ़ रहे हैं। निकोले म्लाडेनोव ने यूएन सुरक्षा परिषद् में कहा कि द्विराज्य समाधान दूर होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले नेतृत्व और राजनीतिक इच्छाशक्ति में परिवर्तन की जरुरत है।
उन्होंने कहा कि “नेताओं में शान्ति के यकीन बातचीत की जरिये ही आ सकती है। नेता और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इजराइल और फिलिस्तीन के बीच शान्ति के लिए एक समझौते पर पंहुचने का प्रयास करेंगे। जो यूएन रेसोलुशन और द्विपक्षीय समझौते पर आधारित होगी।”
उन्होंने कहा कि “अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को सबसे कमजोर पक्ष फिलिस्तीन की जनता को भी समझना होगा, जो बीते 50 वर्षों से शासन की हुकूमत में जीवन बीता रही है। उन्हें सबसे अधिक हमारे सहयोग की आवश्यकता है। दुर्भाग्यवश, एकपक्षीय परिणाम, हिंसा, वित्तीय दबाव और शान्ति के तरफ प्रगति में कमी फिलिस्तानी समाज पर भारी पड़ी है और इसके कारण शान्ति की नींव को दरकिनार किया जा रहा है।
यूएन के राजदूत ने कहा कि “इजराइल के कई तरह के प्रतिबंधों के बावजूद हमास का अभी भी ग़ज़ा पट्टी पर नियंत्रण है और फिलिस्तानी विभाग की पाबंदिया हालातों को अत्यधिक भयावह बना रही है। उग्र और चरमपंथी समूह एक दिन दोनों पक्षों को युद्ध के मैदान में खड़ा कर देंगे।”
बीते माह यूएन राजदूत ने फिलिस्तानी विभाग को समर्थन सहित व्यापार अवसरों को बढ़ाने, वित्तीय मसलों को सुलझाने, जनता की सुविधाओं में इजाफा और इजराइल के साथ सहयोग से सुरक्षा सुनिश्चित करना, जैसे क़दमों को रेखांकित किया था।