इजराइल और गाज़ा की सीमा पर प्रदर्शन के दौरान गोलीबारी में एक फिलिस्तानी व्यक्ति की मौत हो गयी है। सोमवार को दोनों पक्षों के बीच युद्ध के अंत के लिए संघर्षविराम समझौता हुआ था। दक्षिणी गाज़ा पट्टी के रफह नजदीक 24 वर्षीय अब्दुल्लाह अब्द अल आल की पेट में गोली लगने से मौत हो गयी है।
बीते हफ्ते हिंसक कार्रवाई के बाद गाज़ा पट्टी पर यह प्रदर्शन था। गाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि “शुक्रवार को प्रदर्शन के दौरान 30 फिलिस्तानी जख्मी हुए थे इसमें चार बच्चे और मौजूद नर्स थी, जिन्हे इजराइल की गोली सर पर लगने से जख्मी हो गयी है।
गाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि “बीते वर्ष साप्ताहिक प्रदर्शन की शुरुआत होने के बाद इजराइल की सेना ने 275 से अधिक प्रदर्शनकारियों की हत्या कर दी है और 17000 घायल है जिन्हे औपचारिक तौर पर अस्पताल भेजा गया था। प्रदर्शन की शुरुआत 30 मार्च 2018 को हुई थी।”
इस प्रदर्शन में फिलिस्तानी शरणार्थियों ने मांग की कि उन्हें अपने गहरी ने लौटने का अधिकार है जहां से उन्हें इजराइल के निर्माण के दौरान निष्काषित किया गया था। इस दौरान इजराइल द्वारा गाज़ा की नाकेबंदी को 12 वर्ष भी पूरे हो चुके हैं।
इजराइल की सेना की प्रवक्ता ने कहा कि “शुक्रवार को प्रदर्शन में करीब 6000 लोगो ने भाग लिया था। गाज़ा पट्टी पर विस्फोटक की पहचान की गयी है और इसके साथ ही बाड़ तक पंहुचने की भी कई बार कोशिश की गयी थी। यह बाद इजराइल की सरजमीं को तटीय क्षेत्र से अलग करता है।”
यह साप्ताहिक प्रदर्शन संघर्षविराम की महत्वपूर्ण परीक्षा के तौर पर देखा जा सकता है। मिस्र और यूएन ने मध्यस्थता कर इजराइल और गाज़ा के बीच संघर्षविराम संधि की थी। शनिवार की शुरुआत में फिलिस्तानी समूह हमास और इस्लामिक जिहाद ने इजराइल पर सैकड़ो रॉकेट दागे थे। इसके बाद 3 मई को इजराइल की सेना ने चार फिलिस्तानियों की हत्या कर दी थी।
तीन दिनों के संघर्ष में 25 फिलिस्तानियों सहित चार इजराइल के नागरिकों की मौत हो गयी थी। संघर्षविराम समझौते की घोषणा फिलिस्तान ने सोमवार को की थी। प्रदर्शन के आयोजकों ने 15 मई को नकबा यानी तबाही की 71 वीं सालगिरह पर भारी प्रदर्शन का आवाहन किया है। साल 1948 में इजराइल के निर्माण के दौरान हज़ारो फिलिस्तानियों को जबरन उनके घरो से भगाया था।