पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि “अगर उस क्षेत्र के राजनीतिक हालातों में सुधार होता है, तो इस्लामाबाद तेलअवीव के साथ संबंधों को मज़बूत करने के इच्छुक है।” इजराइल के अस्तित्व को पाकिस्तान मान्यता नहीं देता है और दोनों देशों के मध्य कोई कूटनीतिक सम्बन्ध है।
म्युनिक सिक्योरिटी कांफ्रेंस के इतर शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि “पाकिस्तान इजराइल के साथ रिश्तों को मज़बूत करने का हितैषी है, लेकिन वहां के राजनीतिक हालातों पर निर्भर करता है।”
उन्होंने कहा कि “इजराइल-फिलिस्तीन विवाद के समाधान में प्रगति बेहद मददगार साबित होगी। यदि अमेरिकी योजना ऐसा करने में सफल रहती है, तो यह बेहद अच्छा होगा। हम इजराइल को शुभकामनाएं देते हैं। हमारे उस क्षेत्र में काफी दोस्त है और हम चाहेंगे कि इजराइल भी उसमे शामिल हो।”
इससे पूर्व भी पाकिस्तान और इजराइल ने विदेश मंत्रियों के द्वारा 1, सितम्बर 2005 को सम्बन्ध सुधारने के प्रयास किये थे। इस बैठक के बाद पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ और इजराइल के प्रधानमंत्री अरियल शेरोन ने हाथ मिलाएं थे। यह नज़ारा दोनों देशों के प्रमुखों के मध्य यूएन सम्मलेन के इतर दिखाई दिया था।
कई इस्लामिक देशों के इजराइल के साथ कोई कूटनीतिक सम्बन्ध नहीं है लेकिन ईरान के खतरे के कारण इजराइल इस्लामिक देशों के नजदीक आ रहा है।
अन्तराष्ट्रीय एकजुटता दिवस के मौके पर पीएम ने फिलिस्तीन की जनता को सन्देश देते हुए कहा कि भारत फिलिस्तान के कारणों का समर्थन करता है और फिलिस्तानी जनता के एक संप्रभु, स्वतंत्र और संघात्मक राज्य बनाने के प्रयासों के साथ भारत का एकजुट समर्थन है।
इजराइल ने 26/11 हमले की 10 वीं सालगिरह पर कहा कि पाकिस्तान की सरकार इस हमले के पीड़ितों का न्याय सुनिश्चित करें। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे जिसमे छह इजराइल के नागरिक थे। इजराइल में भारतीय मिशन द्वारा आयोजित समारोह में इजराइल के विदेश विभाग के निदेशक माइकल रोनेन ने कहा कि यह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए बेहद जरुरी है, विशेषकर पाकिस्तान की लिए कि इस हमले के पीड़ितों के न्याय सुनिश्चित करे और इस घृणित हमले के साजिश करने वालों को आज़ाद घूमने न दें।