इजराइल और गाज़ा के बीच हिंसक संघर्ष में करीब चार इजराइल के नागरिकों और 24 फिलिस्तानियों की हत्या हुई है और दोनों पक्षों के दर्ज़नो लोग बुरी तरह जख्मी हुए हैं। साल 2004 में इजराइल और गाज़ा के बीच युद्ध के बाद यह सबसे भयावह मंज़र था। के
हमास के ठिकानों को बनाया निशाना
इजराइल की रक्षा सेना ने 320 से अधिक गाज़ा में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है। उन्होंने हमास के हथियार गृह, हमलावर दस्ते, रॉकेट लॉन्चर्स, फिलिस्तानी इस्लामिक जिहाद और हमास की हथियार उत्पादन फैक्ट्री, पीआईजे प्रशिक्षण परिसर और मस्जिद के भीतर स्थित कमांड सेंटर पर हमला किया था।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को सेना को गाज़ा पट्टी पर भारी हमले के आदेश दिए हैं और इसके बाद 36 घंटो में 600 से ज्यादा हमले किये गए थे।
बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि “आज सुबह मैंने आईडीएफ को गाज़ा पट्टी में आतंकियों के खिलाफ भारी हवाई हमले जारी रखने के आदेश दिए थे। हमास न सिर्फ इजराइल के खिलाफ हमले के लिए जिम्मेदार है बल्कि इस्लामिक जिहाद के हमलो के लिए भी उत्तरदायी है। उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।” बेंजामिन नेतन्याहू देश के रक्षा मंत्री भी है।
14 माह की बच्ची की मौत
गाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि “इजराइल के हमले के कारण एक गर्भवती फिलिस्तानी महिला और 14 महीने की एक बच्ची का निधन हो गया है लेकिन आईडीएफ ने लगातार इन आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि “हमास द्वारा अधिक भीड़भाड़ वाले इलाके में दागे गए असफल रॉकेट से सिर्फ दो लोगो की मृत्यु हुई है।”
मिस्र और संयुक्त राष्ट्र के पट्टी पर लगाए संघर्ष विराम प्रयासों के बावजूद रविवार को दोपहर तक हमास और इजराइल के बीच कोई इसका पालन करने में दिलचस्प नहीं लगा था। शुक्रवार को दोनों पक्षों के बीच झड़प की शुरुआत हो गयी थी।आईडीएफ ने घोषणा की कि नष्ट किए गए फिलिस्तीनी ठिकानों में से एक दक्षिण गाजा पट्टी में सीमा पार बनी इस्लामिक जिहाद की एक 20 मीटर गहरी सुरंग भी शामिल है।