भारत के सर्वोच्च ग्राहक आयोग ‘राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने एक मामले में एसबीआई को निर्देश दिये हैं कि वो एक फ़र्निचर विक्रेता को 8 लाख रुपये का भुगतान करे।
ये मामले पर आयोग ने एसबीआई द्वारा एक पॉलिसी की जानकारी अपने ग्राहक को स्पष्ट रूप से न देने के लिए निशाने पर लिया है, जिसके एवज़ में अब एसबीआई को उस ग्राहक को 8 लाख रुपयों का भुगतान करना होगा।
दरअसल मामला ये है कि जयपुर आधारित जयश्री इंडस्ट्रीज़ जो कि फ़र्निचर बेंचने का काम करती है, इसके मालिक ने स्टेट बैंक ऑफ जयपुर एंड बीकानेर (जो अब भारतीय स्टेट बैंक है) से एक पॉलिसी ली थी, जिसके तहत उन्हे अपनी गोदाम व दुकान का किसी अनहोनी की दशा में इसका कवर मिलना था।
हुआ यूं कि वर्ष 2006 में उनके गोदाम में आग लग गयी, जिसके बाद उसके मालिक ने बैंक को इसकी सूचना दी।
लेकिन बैंक ने उनके क्लेम को यह कह कर रिजेक्ट कर दिया कि जहाँ उनका माल रखा गया था वह जगह पहले से ही सुरक्षित नहीं थी। यह भी कहा गया कि पॉलिसी लेते समय ग्राहक ने किसी दूसरी जगह को दर्शाया था।
इसी मुद्दे पर आयोग ने अपनी टिप्पणी देते हुए कहा है कि इस बात का कोई खास सुबूत नहीं है कि पॉलिसी धारक ने किसी खास मकसद से माल रखने की जगह को बदला होगा।
जिसके बाद आयोग ने एसबीआई से कहा है कि पॉलिसी के क्लेम की राशि को ग्राहक को 45 दिनों के अंदर दे दिया जाये। अगर बैंक चाहे तो इस राशि को किश्तों में भी दे सकती है, लेकिन 45 दिन के भीतर सारी किश्तें पूरी हो जानी चाहिए।