इंडोनेशिया में सुनामी और भूकंप की मार से नागरिकों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। सैकड़ों की तादाद में लोगों ने इस आपदा के कारण अपनी जान गंवाई है। इंडोनेशिया के विभाग ने बुधवार को चेतावनी जारी की, ‘अनक क्राकटाऊ ज्वालामुखी’ के इर्द गिर्द ख़राब मौसम और ऊंची लहरों के कारण लोगों को किनारे से दूर रहने का आग्रह किया है।
इस सुनामी के तहस नहस में अभी तक 400 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। प्रशासन ने साल 2004 में एशिया में आई सुनामी और भूकंप की वर्षगांठ के दौरान यह चेतावनी जारी की थी। शनिवार को ज्वालामुखी में विस्फोट के बाद समुंद्री इलाके में ऊंची लहरे उठी थी, जिससे आस-पास के लोग प्रभावित हुए थे।
इंडोनेशिया प्रशासन ने की चेतावनी जारी
ख़बरों के मुताबिक ज्वालामुखी के बाद भूस्खलन आया और फिर सुनामी ने दस्तक दी थी। इंडोनेशिया के प्रशासन ने लोगों को इस इलाके से 500 मीटर तक दूर रहने के लिए कहा है।
26 दिसम्बर 2004 में क्रिसमस के दौरान हिन्द महासागर से भूकंप के बाद आई सुनामी में 14 देशों में 226000 लोगों की मौत हो गयी थी। जबकि इंडोनेशिया में मृतकों का आंकड़ा 120000 था। अनक क्राकटाऊ एक द्वीप है जो साल 1927 में उभरा था, और अब तक यह बढ़ता ही जा रहा है।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
जांचकर्ता आपदा में फंसे लोगों को बचाने के लिए बुधवार को कई गाँवों में पंहुचे हैं। हजारों लोग टेंट और मस्जिद और स्कूल में बने शिविरों में रह रहे हैं। सेना द्वारा मुहैया टेंट में अपने परिवार के साथ रह रहे 20 वर्षीय मछवारे अयूब ने बताया कि बारिश की वजह से हालात सामान्य नहीं है, लेकिन उनके पास खाने को पर्याप्त भोजन है। उन्होंने बताया कि सब तबाह हो गया, मेरी नाव, मेरी साइकिल और हमर घर, सबी कुछ बर्बाद हो गया है। अलबत्ता सबसे आवश्यक यह है कि हम अभी भी जिन्दा है।
आपदा विभाग के प्रवक्ता सुतोपो पूर्वो ने कहा कि पीड़ितों की संख्या और तबाही का ग्राफ बढ़ता ही जाएगा। रेस्क्यू टीम फंसे लोगों की तलाश के लिए भारी उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं। आपदा विभाग के अधिकारी ने बताया कि सेना और पुलिस खंडर में तलाश कर रही है, ताकि अधिक पीड़ितों को ढूँढा जा सके।
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ़ रेड क्रॉस एंड रेस क्रिसेंट सोसाइटी ने कहा कि इन ताकतवर लहरों की ऊंचाई 30 से 90 सेंटीमीटर तक पंहुच चुकी है। स्थानीय मददगार ओस आपदा में फंसे लोगों की मदद करने में जुटे हैं और उन्हें आश्रय मुहैया करा रहे हैं।