भूकंप और सुनामी का कहर झेल रहे इंडोनेशिया में मलबे में दबे शवों की खोज को बंद किया जा चुका है। इस भीषण आपदा में 5000 नागरिक अभी भी लापता है। इंडोनेशिया में 28 सितम्बर को 7.5 मैगनीटुडे का भूकंप आया था। इस भूकंप के कारण सुनामी ने भी इंडोनेशिया में दस्तक दी और तबाही मचाई।
इस दोहरी प्राकृतिक आपदा में 2000 शवों को बाहर निकला गया है। इण्डोनेशिया के विभागों के मुताबिक 5000 शवों का मलबे में गहरे दबे होने के कारण निकला नहीं जा सका है।
सुनामी से हुए कीचड़ के कारण रेस्क्यू विभाग की मुश्किलें बढ़ गयी है और शव गर्मी के कारण गल रहे हैं। भूकंप की तबाही का मुख्यकेंद्र पालू में खोज और रेस्क्यू ऑपरेशन गुरूवार को समाप्त कर दिया गया है।
बलोरा, पेटोबा और जोनो ओज में पार्क और स्मारकों को दोबारा स्थापित करने की योजना है यहां अभी भी हज़ारों शव दबे हुए है जिन्हे खोजा नहीं जा पायेगा। यह तीनो क्षेत्र बाढ़ और सुनामी से पूरी तरह तहस-नहस हो गए हैं।
अंतर्राष्ट्रीय राष्ट्रों ने आपदा ग्रसित क्षेत्रों में मानवीय मदद के लिए रेस्क्यू टीम भेजी है। ऑस्ट्रेलिया ने आपदा से जख्मी हुए लोगों के इलाज़ के लिए 40 डॉक्टरों की एक टीम भेजी है। वहीँ भारत ने दो नौसेना से जहाज मदद के लिए इंडोनेशिया भेजे हैं। यूएन ने मदद के राहत सामग्री और खाद्य सामग्री जकार्ता पहुंचाई है।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि पालू में 20000 लोगों को मानवीय मदद की जरुरत है। उन तक साफ पीने का पानी और मेडिकल सुविधाओं नहीं पहुंच पा रही है।
सूत्रों के मुताबिक इस भयानक आपदा में 80000 लोग बेघर हुए हैं। इसमें से अधिकतर के घर आपदा के कारण टूट गए कारणवश उन्हें शरणार्थी शिविरों में पनाह लेनी पड़ी है।