इंडोनेशिया पर भूकंप और सुनामी ने जबर कहर बरपाया है। सेना और आपदा विभाग ने बताया कि इंडोनेशिया में इस बर्बादी का शिकार बनने वाले नागरिकों की संख्या में वृद्धि हुई है। इंडोनेशिया के मध्य सुलावेसी प्रान्त में आये तूफ़ान में अब तक 1,944 लोगों ने जान गवां दी हैं।
सुलावेसी प्रान्त के प्रवक्ता ने बताया कि 2,549 घायल नागरिक उपचार के लिए अस्पतालों में भर्ती है। इस आपदा से घायल हुए लोगों का उपचार कराया जा रहा है। उन्होंने कहा इस तबाही में लगभग 683 लोग लापता और अनुमानित 152 नागरिक मलबे के निचे दबे हुए हैं।
राष्ट्रीय आपदा विभाग ने बताया कि आपदा के मुख्य केंद्र पालू से अधिकार शवों को बाहर निकल लिया गया है साथ ही इससे सटे इलाकों डोंग्गला, सिगी, परिगी से भी मृतकों को निकला जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक पीड़ितों की खोज वीरवार तक समाप्त तक हो जाएगी।
इंडोनेशिया में आये भूकंप और सुनामी की वजह से 62,359 लोगों को अपना घर छोड़कर शरणार्थी शिविरों में पनाह लेनी पड़ी। इण्डोनेशिए में इस आपदा के समय राष्ट्रपति ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से मदद की गुहार लगाई थी। इस मुसीबत में भारत, अॉस्ट्रेलिया समेत कई देशों ने इंडोनेशिया का साथ दिया। भारत ने जल सेना के विमान मदद के लिए जकार्ता भेजे।
ऑस्ट्रेलिया ने राहत सामग्री और खाद्य सामग्री ट्रकों के माध्यम से इंडोनेशिया पहुंचायी। साथ ही 40 डॉक्टरों की टीम को भी घायलों के इलाज के लिए जकार्ता भेजा। संयुक्त राष्ट्र ने सामाजिक कार्यकर्ताओं की टीम को जकार्ता भेजा।
संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी थी कि यदि मलबे में दबे शवों को जल्द ही बाहर नहीं निकाला गया तो जलभराव की वजह से शव सड़ जायेंगे जिससे जानलेवा बीमारिया फ़ैल सकती है।
28 सितम्बर को इंडोनेशिया में तीन बार भूकंप और फिर सुनामी ने तबाही मचाई। इस भूकंप और सुनामी ने सबसे अधिक पालू और डोंग्गला प्रान्त को नुकसान पहुंचाया।