विजय शंकर को निदहास ट्रॉफी के फाइनल मैच के दौरान अपने प्रशंसको से बहुत अलोचनाए सुनने को मिली थी क्योंकि वह उस समय मैच के आखिरी में मुस्ताफिजुर रहमान के गेंदो की विविधताओं को सही तरीके से नही समझ पा रहे थे और भारतीय टीम फाइनल मैच हारने वाली थी। लेकिन राहुल द्रविड़ ने उनके मैच खत्म करने की योग्यता के आत्मविश्वास को देखा है, जिससे उन्हें अब दोबारा भारतीय टीम में जगह दी गई है। 27 साल के तमिलनाडु के इस ऑलराउंडर को हार्दिक पांड्या की जगह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकदिवसीय सीरीज में औऱ न्यूजीलैंड के खिलाफ पूरे टूर में जगह दी गई है। क्योंंकि हार्दिक पांड्या को उनके एक चैट शो में अभद्र टिप्पणी के लिए बीसीसीआई ने निलंबित किया है।
फरवरी पिछले साल, शंकर के बड़े मैच स्वभाव को बांग्लादेश की गुणवता के खिलाफ परीक्षण के लिए रखा गया था, लेकिन उसके बाद भी तमिलनाडु के इस खिलाड़ी आगे तक जाना था इसलिए उन्हे टीम में दोबारा मौका मिला है।
पीटीआई से बात करते हुए शंकर ने कहा, ” मुझे लगता है अब मैं मानसिक रूप से बहुत मजबूत हो गया हूं और मुझे अपने ऊपर पूरा आत्मविश्वास है कि में करीबी मैच को खत्म कर सकता हूं। इंडिया-ए का टूर जो न्यूजीलैंड के खिलाफ हुआ था उससे मुझे बहुत फायदा मिला है जिससे मेरा खेला बहतर हुआ है।”
उनका मानना है कि इंडिया-ए के कोच राहुल द्रविड़ का निर्णय सही था जिन्होने उनको न्यूजीलैंड-ए के खिलाफ पांच नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए भेजा था।
शंकर ने कहा जिन्होने अभी तक पांच टी-20 मैच खेले है “राहुल सर ने मुझसे एक बात कही उन्हे मेरे ऊपर विश्वास है कि मैं मैच खत्म कर सकता हूं। और मुझे लगता है कि नंबर पांच पर बल्लेबाजी करना मुझे जचता है और मैंने वहा पर दो करीबी मैच जीतवाए थे जिनमें मैं नाबाद रहा था।”
” मैने न्यूजीलैंड के खिलाफ जिसमें हमें 300 से ऊपर के लक्ष्य का पीछा करना था उसमें 87 रन बनाए थे जिससे मेरे अंदर विश्वास आया की मैं अभी भी इस स्तर का हूं। उसके अगले मैच में दोबारा लक्ष्य का पिछा करते हुए मैंने 60 रन बनाए थे।
” नंबर-5 में बल्लेबाजी करना, इन सभी मैचो में, जब मैं बल्लेबाजी करने उतरता था, हमें 150 से 160 रन चाहिए थे और उस समय मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण होता था की मैं एक अच्छी पारी खेलू और मैच खत्म करने वाली खिलाड़ी की भूमिका निभाऊ।”