Sun. Nov 17th, 2024

    भारतीय दूरसंचार विनिमायक प्राधिकरण ने इंडियन एयरलाइन की उड़ानों में इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी के लिए एक खुली चर्चा आयोजित की। आपको जानकारी के लिए बता दें कि नई दिल्ली के भारत आवास केंद्र में भारतीय एयरलाइनों को इंटरनेट, मोबाइल फोन कॉल्स सेवाएं प्रदान करने संबंधी पॉलिसी, सिक्योरिटी और लाइसेंसिंग मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सार्वजनिक बैठक आयोजित की गई।

    संभावना है अब प्राथमिक रूप से इंडियन एयरलाइंस की उड़ानों में यात्रियों को ई- मेल, वॉट्सएप, एसएमएस तथा फोन कॉल्स आदि की सुविधा मिल सकेगी।  सिविल एविएशन डिपार्टमेंट भी एयरलाइंस के यात्रियों को इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी देने के मूड में है। हांलाकि इस सुविधा को लागू करने अथवा लागू नहीं करने के सभी अधिकार क्रू-मेंबर्स को दिया जा सकता है। फिलहाल इंडिया की कोई भी एयरलाइंस कंपनी अपने घरेलू उड़ानों के दौरान इंटरनेट या ​मोबाइल संचार सेवाएं प्रदान नहीं करती है।

    ट्राई की बैठक

    ट्राई का कहना है

    इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी को लेकर आयोजित खुली चर्चा के दौरान ट्राई के अध्यक्ष आरएस शर्मा ने कहा कि, इस मामले में कोई भी तकनीकी मुद्दा दिखाई नहीं देता, क्योंकि दुनियाभर के कई देशों में फ्लाइट कनेक्टिविटी की सुविधा पहले से ही है।

    ट्राई के अनुसार इंटरनेशनल लेवल की 70 ऐसी एयरलाइंस हैं जो अपने उड़ानों के दौरान वाईफाई तक की सुविधा मुहैया करा रही हैं। वहीं 30 एयरलाइसं में यात्री मोबाइल फोन का भी इस्तेमाल करते हैं। ऐसी एयरलाइंस में ब्रिटिश एयरवेज, एयर एशिया, एयर न्यूजीलैंड तथा वर्जिन अटलांटिक आदि का नाम शामिल है।

    इंटरनेट फैसिलिटी को लेकर एविएशन मिनिस्ट्री के विचार

    ‘इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी’ को लेकर हुई खुली चर्चा के दौरान एविएशन मिनिस्ट्री ने कहा कि उड़ानों के दौरान विदेशी तथा घरेलू एयरलाइंस दोनों के लिए इं​टरनेट फैसिलिटी के लिए नियम एक समान होने चाहिए। ट्राई ने फ्लाइट में मोबाइल सेवाओं के संचालन के लिए स्पेक्ट्रम के अधिकार और लाइसेंसिंग प्रावधानों पर भी चर्चा की।

    ट्राई ने बताया कि कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भी हैं, जिन्होंने इंडिया में इन-फ़्लाइट इंटरनेट सेवाओं के प्रावधान में अपनी रुचि व्यक्त की है। ट्राई ने अपने इस चर्चा के दौरान इंडियन एयरलाइंस को इंटरनेट और मोबाइल सेवा की अनुमति देने संबंधी विचार किया। ‘इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी’ को लेकर जो भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए उसे ट्राई जल्दी ही सार्वजनिक करेगा।

    भारतीय टेलिकॉम आॅपरेटर्स

    घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के दौरान इन-फ़्लाइट कनेक्टिविटी को लेकर एयरटेल और वोडाफोन ने एयर-टू-ग्राउंड (ए 2 जी) संचार सेवा इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है। इन दोनों कंपनियों का कहना है कि ए 2 जी सर्विस हैवी और कॉस्टली सेटैलाइट आधारित इन-फ़्लाइट कनेक्टिविटी (आईएफसी) समाधानों से काफी बेहतर है। जबकि रिलायंस जियो ने इन-फ़्लाइट कनेक्टिविटी के लिए एलटीई और सैटेलाइट बैकहॉल का उपयोग करने का सुझाव दिया है।