भारत के होनहार व प्रतिभाशाली इंजीनियरिंग विद्यार्थियों के लिए केन्द्र सरकार ने बड़ी पहल शुरू की है। केन्द्र सरकार साल में 1000 प्रतिभावान इंजीनियरिंग छात्रों को पीएम रिसर्च फैलोशिफ के तहत छात्रवृत्ति प्रदान करेगी। भारत के होनहार छात्र रिसर्च करने के लिए विदेश का रूख करते है।
इसे रोकने के लिए केन्द्र सरकार अब प्रतिमाह 70000 रूपये से लेकर 80000 रूपये तक की छात्रवृत्ति देगी। मंत्रिमंडल ने आईआईटी, आईआईएसईआर और एनआईटी जैसे उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्रों के लिए पीएम रिसर्च फेलोशिप (पीएमआरएफ) को मंजूरी दी है। देश की यह अब तक की सबसे बड़ी स्कॉलरशिप होगी।
छात्रवृत्ति देने के लिए चुने गए छात्रों को पहले दो साल तक 70,000 रुपये हर महीने, तीसरे साल 75,000 रुपये महीने और चौथे एवं पांचवे साल 80,000 रूपये महीने दिए जाएंगे। केन्द्र सरकार ने तीन साल में खर्च करने के लिए 1,650 करोड़ रुपये का फंड आवंटित करने को मंजूरी दे दी है।
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इस योजना से देश के प्रतिभावान रिसर्च स्कोलरों को आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपने देश में ही शोध करने के लिए मौका मिलेगा। इसके लिए इन्हें विदेश में नहीं जाना पड़ेगा।
इंजीनियरिंग छात्रों को मिलेगी छात्रवृत्ति
छात्रवृत्ति के लिए उम्मीदवारों की न्यूनतम पात्रता 8.5 सीजीपीए है। इस स्कीम को 2018-19 एकेडमिक सेशन से लागू किया जाएगा । इस स्कीम से बीटेक ग्रेजुएट्स या इंटेग्रेटेड एमटेक या साइंस और टेक्नोलॉजी स्ट्रीम्स में एमएससी से ग्रेजुएट्स को आईआईटीज/आईआईएससी में पीएचडी प्रोग्राम में सीधे दाखिला लेने में मदद मिलेगी।
ये स्कीम केवल इंजीनियरिंग छात्रों के लिए ही उपलब्ध रहेगी। इसके अलावा विदेश यात्रा में होने वाले खर्च के तौर पर पांच सालों के लिए प्रत्येक साल 2-2 लाख रूपये की रिसर्च अनुदान अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों और सेमिनारों के लिए स्कोलर्स को दिया जाएगा।