पाकिस्तान अधिग्रहित कश्मीर और गिलिगित बाल्टिस्तान के निवासियों की आज़ादी मांग पर पाकिस्तान भरा हो जाता है। एक लम्बे अरसे से पीओके पाकिस्तान के गैरकानूनी अतिक्रमण और सैन्य अतिक्रमण को खत्म करने के मांग कर रहा है।
पीओके की जनता नाराज
गिलगिट बाल्टिस्तान स्टडीज के इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर एच सेरिंग ने कहा कि “इमरान खान पाकिस्तानी अधिग्रहित कश्मीर के नागरिको की भावनाओं को आहत कर रहे हैं। मुजफ्फराबाद में इमरान खान की रैली के बारे में सेरिंग ने कहा कि “पीओके की जनता ने कुछ दिनों पूर्व ही इस इलाके से पाकिस्तानी सेना को हटाने के लिए एक भव्य रैली का आयोजन किया था। यहाँ के क्रोधित निवासियों ने गैरकानूनी के अतिक्रमण का विरोध किया और आज़ादी की मांग की थी।”
उन्होंने कहा कि “दुर्भाग्यवश, पाकिस्तान बहरा हो गया है। वे इस बात को स्वीकारने के लिए तैयार नहीं है कि जम्मू कश्मीर में उनकी भूमिका का पर्दाफाश हो गया है। अंतररष्ट्रीय समुदाय और जम्मू कश्मीर की जनता अब पाकिस्तान को अधिग्रहित इलाकों से बाहर निकलना चाहती है, इसमें पीओके और गिलगिट बाल्टिस्तान भी शामिल है।”
उन्होंने कहा कि “पीओके की जनता अब पाकिस्तानियों के मंसूबो को नहीं सहेगी क्योंकि देश को सिर्फ वहां की जमीन का हनन करना और स्थानीय जनता की इच्छाओं का सम्मान न करना है। अगर पाकिस्तानी प्रधानमन्त्री वहां मौजूद है तो इसका सिर्फ यही कारण है कि उन्हें सेना का समर्थन हासिल है। मुझे यकीन है कि पीओके और गिलगिट बाल्टिस्तान में में पाकिस्तानी सेना के ठिकाने ने हो तो पाकिस्तानी अधिकारी स्थानीय जनता के गुस्से को देखते हुए कभी वहां जाने की कोशिश नहीं करेंगे।”
कश्मीरियों के साथ एकजुटता के लिए इमरान खान ने पीओके में एक भव्य जलसे का आयोजन किया है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने के बाद पाकिस्तान कश्मीर मामले का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की कोशिश कर रहा है। यूएनएचआरसी में विदेश मन्त्री शाह महमूद कुरैशी ने कश्मीर पर मनगढ़ंत दावे किये, बहरहाल पाकिस्तान को भारतीय प्रतिनिधि समूह ने कड़ा जवब दिया था।