निर्देशक, मधुर भंडारकर का यह कहना है कि अगर उन्होंने ‘इंदु सरकार’ में कुछ भी बदलाव किया तो इससे फिल्म की पूरी कहानी और उसका सार प्रभावित होगा।
1975 की इमरजेंसी पर आधारित यह फिल्म सोमवार केंद्रीय फिल्म एवं प्रमाणन बोर्ड को दिखाई गयी। और बोर्ड ने इसके 12 सीन्स पर कट लगाने को अथवा 2 जगह डिस्क्लेमर देने का आदेश दिया है।
आईएएनएस ने जब भंडारकर से उनका अगला कदम पूछा तो उन्होंने कहा कि वह कुछ भी बदलाव नहीं करना चाहते, क्योंकि इससे फिल्म के पुरे सार पर असर पड़ेगा। उन्होंने ये भी बताया कि अब वो पुनरीक्षण समिति से मंजूरी की अरदास करेंगे। अगर वहाँ भी उन्हें मंजूरी नहीं मिली तो फिर उनके पास आख़िरी विकल्प अपीलीय न्यायाधिकरण के दरवाजे खटकाने का होगा।
सेंसर बोर्ड ने भी फिल्म की कुछ डायलॉग्स जैसे ‘भारत की एक बेटी ने देश को बंदी बनाया हुआ है’ और तुम लोग जिंदगीभर मां-बेटे की गुलामी करते रहोगे’ को फिल्म से हटाने को कहा है।
इस फिल्म में निल नितिन मुकेश, कीर्ति कुलहरि, सुप्रिया विनोद, अनुपम खेर और तोता रॉय चौधरी जैसे कलाकार दिखाई देंगे। इस फिल्म के किरदार लेट प्रधान मंत्री, इंदिरा गाँधी और उनकी सुपुत्र संजय गाँधी से प्रेरित है।
डायरेक्टर, भंडारकर ने पहले भी मीडिया को अवगत कराया था कि उनकी फिल्म का मकसद किसी राजनीति से सम्बंधित दृष्टिकोण प्रचार करने का नहीं है। यह फिल्म 28 जुलाई, 2017 को सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी।