पाकिस्तान में आसिया बीबी के मामले में शीर्ष अदालत के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कट्टरपंथी धार्मिक पार्टियों के 90 सदस्यों को पंजाब प्रांत के विभिन्न इलाकों से गिरफ्तार किया गया है। ईशनिंदा मामले में बरी हुई आसिया बीबी के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका को शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया था।
प्रदर्शनकारी गिरफ्तार
पंजाब पुलिस के प्रवक्ता नाबिला गज़न्फर ने कहा कि अधिकतर गिरफ्तारी लाहौर, गुजरांवाला और रावलपिंडी से हुई थी। उन्होंने कहा कि “पुलिस ने विभिन्न धार्मिक पार्टियों के 90 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है, इनमे से अधिकतर तहरीक-ए-लाबैक पाकिस्तान से हैं।
उन्होंने कहा कि तीन प्रदर्शन लाहौर में हुए और एक-एक गुजरांवाला और रावलपिंडी में हुआ था, लेकिन वक्त रहते पुलिस ने कार्रवाई की और सभी प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया था। 47 वर्षीय आसिया बीबी को 10 साल की कैद के बाद आखिरकार मंगलवार को कैद से आज़ादी मिल गयी थी।
शीर्ष अदालत ने पुनर्विचार याचिका की ख़ारिज
पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने मंगलवार को आसिया बीबी की रिहाई के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया था। शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि “योग्यता के आधार पर इस पुनर्विचार याचिका को खारिज किया जाता है। याचिकाकर्ता वकील से मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि “आप शीर्ष अदालत के फैसले पर एक भी कमी निकालने में असमर्थ रहे हैं।”
इस याचिका को कारी मोहम्मद सलमान ने अपने वकील गुलाम मुस्तफा चौधरी से दायर करवाई थी। इस याचिका में दावा किया कि आसिया बीबी ने जांच के दौरान अपने गुनाह को कबूल किया था, प्राथमिकी दर्ज करवाने में देरी का यह मतलब नहीं की वह अपने अपराध के लिए शर्मिंदा नहीं है।
रिहाई के बाद प्रदर्शन
31 अक्टूबर को शीर्ष अदालत ने लाहौर हाईकोर्ट का फैसला पलटते हुए याचिका बीबी को बरी कर दिया था। इसके बाद देश में व्यापक स्तर पर प्रदर्शन हुए। इस फैसले के बाद कट्टरपंथी इस्लामिकों में देश में हिंसक प्रदर्शन किये थे और इसके बाद सरकार ने प्रदर्शनों को रुकवाने के लिए कट्ठारपंथियों के साथ समझौता किया था। आसिया बीबी समर्थन करने पर पंजाब प्रांत के राज्यपाल सलमान तासीर की साल 2011 में हत्या कर दी थी।
सलमान तासीर की हत्या के एक माह बाद ही अल्पसंख्यक मामलो के क्रिस्चियन मंत्री शाहबाज़ भट्टी ने भी ईशनिंदा कानून के खिलाफ बोला था और उनकी इस्लामाबाद में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।