पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने कहा कि ईशनिंदा मामले में शीर्ष अदारत से बरी हुई आसिया बीबी अभी पाकिस्तान में ही है। क्रिस्चियन महिला आसिया बीबी की रिहाई के खिलाफ इस्लामिक चरमपंथियों ने पाकिस्तान में चक्का जाम कर दिया था और हिंसक प्रदर्शन किये थे। अधिकारीयों ने कहा कि आसिया बीबी विदेश जाने के लिए मुक्त है। अटकलों के मुताबिक वह उत्तरी अमेरिका या यूरोप में पनाह लेंगी।
मध्य पंजाब प्रांत की आसिया बीबी को उच्च अदालत ने साल 2010 में ईशनिंदा मामले में मौत की सज़ा सुनाई थी। इस केस ने अंतर्राष्ट्रीय जगत का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया था कि एक इस्लामिक राष्ट्र में ईशनिंदा पर मौत की सज़ा तय है।
रिहाई के बाद बीबी संरक्षित हिरासत में है, सुरक्षा कारणों से सरकार आसिया बीबी के निवास की जानकारी का खुलासा नहीं कर रही है। पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने मंगलवार को आसिया बीबी की रिहाई के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया था। शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि “वरीयता के आधार पर इस पुनर्विचार याचिका को खारिज किया जा सकता है।
बीते वर्ष शीर्ष अदालत ने आसिया बीबी को मृत्युदंड की सज़ा से आज़ादी दी थी। याचिकाकर्ता वकील से मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि “आप शीर्ष अदालत के फैसले पर एक भी गलती निकालने में असमर्थ रहे हैं।” इस निर्णय के बाद कट्टरपंथियों ने प्रदर्शन कर आसिया बीबी को फांसी की सज़ा देने की मांग की थी और आसिया बीबी के देश छोड़ने का मार्ग साफ़ होता दिख रहा है। ख़बरों के मुताबिक बीबी की दो बेटियां अभी कनाडा में हैं।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि “मेरी जानकारी के मुताबिक आसिया अभी मुल्क में ही है। वह एक मुक्त नागरिक है। अगर वह पाकिस्तान में रहना चाहती है तो वह मुल्क में रह सकती है। अगर वह विदेश जाना चाहती है तो वह आजाद है। यह पूरी उनकी इच्छा पर निर्भर है और इस पर कोई पाबंदी नहीं है।”
तहरीक-ए-लाबैक पार्टी ने आसिया बीबी के रिहाई के विरोध में पाकिस्तान में हिंसक प्रदर्शन किये थे, जिसका नेतृत्व खादिम रिज़वी कर रहा था। तीन दिन तक चले इस प्रदर्शन में पाकिस्तान के प्रमुख शहरों में आगजनी और सार्वजानिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाया गया था। इस प्रदर्शन के बाद इमरान खान ने आसिया बीबी के देश छोड़ने पर पाबंदी लगा दी थी।
आसिया बीबी समर्थन करने पर पंजाब प्रांत के राज्यपाल सलमान तासीर की साल 2011 में हत्या कर दी थी। सलमान तासीर की हत्या के एक माह बाद ही अल्पसंख्यक मामलो के क्रिस्चियन मंत्री शाहबाज़ भट्टी ने भी ईशनिंदा कानून के खिलाफ बोला था और उनकी इस्लामाबाद में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।