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    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी ऑर्डर का आह्वान करता है, जो राष्ट्रों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान पर आधारित है। उन्होंने कहा कि भारत दक्षिण चीन सागर में भी नेविगेशन की आजादी का समर्थन करता है। राजनाथ ने ये बातें बुधवार को एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशंस (आसियान) के रक्षा मंत्रियों की आठवीं बैठक को संबोधित करते हुए कहीं।

    जब राजनाथ बोल रहे थे तब इस मंच पर चीन के विदेश मंत्री जनरल वी फेंगे भी मौजूद थे। राजनाथ ने राज्य प्रायोजित आतंकवाद का भी मुद्दा उठाया और पाकिस्तान का नाम लिए बगैर उस पर आतंकवाद को बढ़ावा देने, उसका समर्थन और फंडिंग करने तथा आतंकवादियों को शरण देने का आरोप लगाया।

    इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सबसे पहले मैं क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा पर्यावरण पर भारत के विचारों और दृष्टिकोण को व्यक्त करने का अवसर देने के लिए एडीएमएम प्लस फोरम को धन्यवाद देना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि सामूहिक रूप से हमारे सामने तत्काल चुनौती है- कोविड-19। वायरस तेजी से रूर बदल रहा रहा है और हमारी प्रतिक्रिया का परीक्षण कर रहा है क्योंकि हमें नए वेरिएंट मिलते हैं जो अधिक संक्रामक और शक्तिशाली हैं। भारत एक दूसरी लहर से उभर रहा है जिसने हमारी चिकित्सा प्रतिक्रिया को सीमा तक धकेल दिया।

    ‘आसियान डिफेंस मिनिस्टर्स मीटिंग-प्लस (एडीएमएम-प्लस) में वर्चुअल संबोधन में सिंह ने समुद्री सुरक्षा चुनौतियों पर भारत की चिंताओं को भी रेखांकित किया। साथ ही उन्होंने अहम समुद्री मार्गों में चीन के आक्रामक व्यवहार का परोक्ष जिक्र करते हुए कहा कि दक्षिण चीन सागर में गतिविधियों ने इस क्षेत्र में ध्यान आकर्षित किया। सिंह ने देशों की क्षेत्रीय अखंडता और सम्प्रभुत्ता, संवाद के जरिए विवादों के शांतिपूर्ण समाधान तथा अंतरराष्ट्रीय नियमों और कानूनों के अनुपालन के आधार पर इस क्षेत्र को मुक्त, खुला और समावेशी बनाने का आह्वान किया।

    उन्होंने कहा कि संचार के समुद्री मार्ग हिंद-प्रशांत क्षेत्र की शांति, स्थिरता, समृद्धि और विकास के लिए अहम हैं। उन्होंने कहा, ”समुद्री सुरक्षा चुनौतियां भारत के लिए चिंता का एक अन्य सबब है। इस संबंध में दक्षिण चीन सागर में गतिविधियों ने क्षेत्र में तथा इससे आगे ध्यान आकर्षित किया है। भारत इन अंतरराष्ट्रीय समुद्री मार्गों में नौवहन, समुद्री क्षेत्रों पर उड़ान भरने और बेरोकटोक व्यापार की आजादी का समर्थन करता है।

    चीन दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा जताता है जो हाइड्रोकार्बन का बड़ा स्रोत है। वियतनाम, फिलीपीन और ब्रूनेई समेत आसियान के कई सदस्य देश भी ऐसा ही दावा जताते हैं।

    इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि फिलहाल सामूहिक रूप से हमारे सामने जो चुनौती है वह है- कोविड-19। रक्षा मंत्री ने कहा कि वायरस अपने रूप बदलता है और इसके नए-नए वैरिएंट सामने आते रहते हैं जिसने हमारी चिकित्सा प्रक्रिया को सीमा तक धकेल दिया है।

    By आदित्य सिंह

    दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

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