राजनीति में एक दम से उभर कर आने वाला दल इन दिनों अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। एक आंदोलन के द्वारा जन्मे इस दल ने आते ही सबको चौंकाते हुए दिल्ली में सरकार बना इतिहास रच दिया। हम बात कर रहे है “आम आदमी पार्टी” की। इन दिनों पार्टी आपसी मतभेद से गुज़र रही है।
अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व में पार्टी ने कई बड़े काम करे परन्तु वक्त के साथ साथ पार्टी में आपसी मतभेद एवं पार्टी छोड़ने का दौर भी बराबर चला।
प्रशांत भूषण हो या योगेंद्र यादव एक एक कर पार्टी के पुराने दिग्गज नेता पार्टी से अपना रास्ता अलग कर चुके है।
इसी को आगे बढ़ाते हुए पार्टी के दिग्गज नेता आशुतोष ने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
आशुतोष ने अपने इस्तीफ़े की घोषणा ट्विटर पर जिन शब्दों से की है, उनसे नहीं लगता कि किसी नाराज़गी में यह फ़ैसला किया गया है।
अपने ट्वीट में आशुतोष ने कहा कि, “हर यात्रा का एक अंत होता है।’आप’ के साथ मेरा जुड़ाव बहुत अच्छा/क्रांतिकारी था, उसका भी अंत आ गया है। इस ट्वीट के तीन मिनट बाद उन्होंने एक और ट्वीट किया जिसमें मीडिया के दोस्तों से गुज़ारिश की, ‘मेरी निजता का सम्मान करें। मैं किसी तरह से कोई बाइट नहीं दूंगा।”
इसी के तुरंत बाद पार्टी के संयोजक केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि इस इस्तीफे को मैं इस जन्म में मंज़ूर नहीं करूंगा।
आशुतोष के इस्तीफे के बाद वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास ने भी पार्टी पर तंज़ कसा है। पिछले कुछ समय से पार्टी की गतिविधियों से अलग चल रहे कुमार विश्वास भी आप नेतृत्व से नाराज बताए जाते हैं।
कुमार ने ट्वीट किया, ‘हर प्रतिभासंपन्न साथी की षडयंत्रपूर्वक निर्मम राजनैतिक हत्या के बाद एक आत्ममुग्ध असुरक्षित बौने और उसके सत्ता-पालित, 2-जी धन लाभित चिंटुओं को एक और आत्मसमर्पित -कुरबानी मुबारक हो।