1 नवंबर 2017 को भारत और न्यूज़ीलैण्ड के बीच द्विपक्षीय श्रृंखला का पहला टी-20 मैच खेला गया। यह मैच इतिहास में दो वजह से याद किया जाएगा, पहला तो भारत की यह टी-20 अंतराष्ट्रीय मैचों में न्यूज़ीलैण्ड के खिलाफ पहली जीत है, और दूसरी वजह जो क्रिकेट प्रेमियों की भावनाओ से भी जुडी है, वह है भारतीय दिग्गज तेज़ गेंदबाज़ आशीष नेहरा का इस मैच के साथ अंतरास्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेना।
जब भी भारत के सर्वेश्रेष्ठ तेज़ गेंदबाज़ों की बात होती है तो उनमे आशीष नेहरा का नाम जरूर आता है। और भला आये भी क्यों ना, 2003 का वर्ल्ड कप अब तक शायद ही कोई भूला होगा। ऐसे ही कई रिकॉर्ड कायम किये है इस दिग्गज गेंदबाज ने, जैसे नेहरा का इंटरनेशनल क्रिकेट करियर 18 साल, 8 महीने, 9 दिन तक चला। यानी उनका करियर कुल 6826 दिन का रहा जो कि भारतीय गेंदबाजो में अब तक का सबसे लंबा करियर है।
नेहरा ने अपना क्रिकेट करियर 1999 में अजहरुद्दीन की कप्तानी से शुरू कर गांगुली, द्रविड़, कुंबले, सहवाग, धोनी और अंत में 2017 में विराट कोहली की कप्तानी में खत्म किया। 18 साल लम्बे करियर में उन्हें 12 सर्जरी से गुजरना पड़ा, पर इसके बावजूद भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी। 2016 में 38 साल की उम्र में टी-20 से फिर वापसी करना, इससे बड़ा सबूत क्या हो सकता है?
2016 के टी-20 वर्ल्ड कप के दौरान नेहरा जी को सोशल मीडिया पर काफी लोगों के मजाक का शिकार होना पड़ा था जब उन्होंने एक प्रेस के दौरान कहा कि “मैं अब भी अपना पुराना नोकिया फोन इस्तेमाल करता हूं। फोन में मुझे दो ही चीज पता हैं- हरे बटन से फोन रिसीव होता है, लाल से काटना। मैं फेसबुक, ट्विटर से दूर रहता हूं। अखबार भी नहीं पढ़ता।” इसके बाद उनकी जमकर ट्रोलिंग हुई। फिर उन्होंने आईफोन खरीदा और वॉट्सएेप चलाना सीखा।
नेहरा ने भारत की ओर से कुल 17 टेस्ट, 120 एकदिवसीय और 26 टी- 20 मैच खेले । उन्होंने कुल 235 अंतराष्ट्रीय विकेट लिए।
नेहरा जी के रिटायरमेंट पर भारत के पूर्व कप्तान कपिल देव ने कहा कि ‘हर खिलाड़ी के लिए पहला और आखिरी मैच खास होता है। कई वर्षों तक भारतीय क्रिकेट में अपनी सेवाएं देने के बाद नेहरा अपने घर में विदाई के हकदार हैं।’ नेहरा को खेल का महान दूत बताते हुए कपिल ने कहा, ‘आपने देश की सेवा काफी अच्छे से की।’