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    रूस और भारत की अंतर संसदीय बैठक

    भारत और रूस के मध्य द्विपक्षी संबंध काफी मज़बूत होते जा रहे हैं। रूस ने तो यह तक कहा था कि भारत से साथ ल्करीबी संबंधों को ताक पर रखकर वह पाकिस्तान से दोस्ती नहीं करेगी, उनकी प्राथमिकता हमेशा भारत ही रहेगा। भारत और रूस के सांसद सोमवार को चिंतन सत्र का आयोजन करेंगे। इस बैठक के दौरान दोनों देशों के सांसद द्विपक्षीय ऊर्जा और कृषि के आर्थिक साझेदारी में वृद्धि के बाबत चर्चा करेंगे।

    इस सत्र का इस आयोजन रूस की संसद के अध्यक्ष व्याचेस्लाव विक्तोरोविच वोलोदीन की भारत यात्रा के दौरान किया जायेगा। हालांकि अद्याक्ष भारत के लिए अजनबी नहीं है लेकिन उनके पद के मुताबिक यह उनकी पहली भारत यात्रा है। इससे पूर्व वह भारत में साल 2015 में आये थे।

    बीते दो सालों में भारत की लोकसभा की अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने दो बार रूस की यात्रा की हैं। पिछली रुसी यात्रा में सुमित्रा महाजन को गेस्ट ऑफ़ ओनर से नवाजा था और उन्हें ड्यूमा में 450 सांसदों के समक्ष भाषण देने के लिए आमंत्रित किया गया था।

    रुसी अध्यक्ष भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी और उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू से भी मुलाकात करेंगे। सुमित्रा महाजन के साथ वह रुसी-भारत अंतर संसद परिषद् की 5 वीं बैठक का नेतृत्व भी करेंगे। दोनों स्पीकर अंतर संसदीय सहयोग की चर्चा करेंगे। साथ ही वे ब्रिक्स और एससीओ के विस्तार के बारे में भी विचार करेंगे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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