पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अमेरिका की आधिकारिक यात्रा के दौरान आलिशान होटल के खर्च को बचाने के लिए वहां नियुक्त राजदूत के आवास में रहना चाहते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह अमेरिकी यात्रा के खर्च को कम करने के लाइट किया जा रहा है।
पाक दूतावास में रहेंगे पीएम खान
पाकिस्तान आर्थिक संकट से जूझ रहा है और सरकार वित्तीय स्थिति को सँभालने के लिए काफी मशक्कत कर रही है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने बीते वर्ष सत्ता संभाली थी। इस्लामाबाद के अधिकारीयों ने राजदूत को इस बार की इत्तलाह दे दी है कि तीन दिन की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री उनके वांशिगटन के आवास में रहने के इच्छुक है। यह यात्रा 21 जुलाई से शुरू होगी।
विगत सप्ताह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने 6 अरब डॉलर के अमेरिकी बेलआउट पैकेज को मंज़ूरी दे दी थी। यह पैकेज पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को सँभालने के लिए इस्तेमाल की जाएगी। बेलआउट के लिए आईएमएफ ने कुछ शर्ते रखी है, जिसके तहत सरकार को कड़े कदम उठाने होंगे।
राजदूत के आवास पर तीन दिन बिताने का विचार यात्रा के खर्च को कम कर सकता है लेकिन इस विचार को न अमेरिका का विभाग और न ही शहरी प्रशासन स्वीकार करने के मूड में दिखता है। अमेरिकी सीक्रेट सर्विस को यात्रा करने वाले दिग्गज ककी तत्काल सुरक्षा की जिम्मेदारी को लेना होता है जबकि शहरी प्रशासन का कार्य सुनिश्चित करना होता है कि यात्रा के दौरान वांशिगटन के ट्रैफिक में कोई बाधा उत्पन्न न हो।
राजदूत का आवास वांशिगटन के कूटनीतिक एन्क्लेव के केंद्र में हैं। इस क्षेत्र और आसपास में दर्ज़नो दूतावास है, इसमें भारत, तुर्की और जापान का भी शामिल है। सरकार के मुखिया को अमेरिकी अधिकारीयों, सांसदों और मीडिया के बैठके करनी होती है।
यह आवास इन बैठकों के लिए पर्याप्त नहीं है। प्रधानमंत्री पाकिस्तानी दूतावास में मेहमानो से मुलाकात करेंगे, इस समय वांशिगटन में बेहद व्यस्त ट्रैफिक होता है। उनकी गाड़ी को अधिकतर दूतावासों से होकर गुजरना होगा, इसमें उपराष्ट्रपति का आधिकारिक आवास भी है।
पाकिस्तानी राजदूत के आवास के लिए सड़क को बंद करना अन्य राजदूतों के लिए समस्या उत्पन्न कर देगा। सुरक्षा कारण सरकार के प्रमुखों को दर्ज़नो में से एक होटल में रहने के लिए मज़बूर करते हैं जहां वीवीआईपी के लिए विशेष व्यवस्था होती है। इससे अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के लिए मेहमानो को सुरक्षित रखना आसान हो जाता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अगर प्रधानमंत्री होटल में नहीं रहना चाहते हैं तो वह किसी भी अमीर पाकिस्तानी-अमेरिकी के घर में रह सकते हैं। इनमे से अधिकतर घरो की दीवारे ऊँची होती है और इसलिए सुरक्षा में आसानी होती है।