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    'आर्टिकल 15', 'कबीर सिंह', 'गली बॉय'- पहले हाल्फ में बॉलीवुड द्वारा दी गयी कुछ शानदार फिल्में

    बॉक्स ऑफिस के साथ-साथ कंटेंट के लिहाज से भी यह साल हिंदी फिल्मों के लिए काफी अच्छा रहा है। सलमान खान अभिनीत ‘भारत’ जैसे सामान्य फिल्म, ‘उरी’ जैसे आश्चर्यचकित ब्लॉकबस्टर और ‘कलंक’ जैसी असफलता के बाद, बॉक्स ऑफिस काफी अप्रत्याशित रहा हैं। बॉक्स ऑफिस को अलग रखते हुए कंटेंट-वाइज साल काफी अच्छा रहा है।

    जून भी खत्म होने को है और साल का आधा साल निकल चूका है, इसलिए आइये नज़र डालते हैं कुछ ऐसी फिल्मो पर जो सिनेमाप्रेमियो के लिए एक नयी सौगात लेकर आये और बताया कि कैसे विभिन्न तरह का कंटेंट हमारा बॉलीवुड बना सकता है।

    गली बॉय 

    ये साल की सबसे बेहतर फिल्मो में से एक है जिसमे न केवल निर्देशक जोया अख्तर ने हिप हॉप का कल्चर देश में उजागर किया बल्कि कुछ शानदार प्रदर्शन भी देखने के लिए मिले। रणवीर सिंह, आलिया भट्ट, सिद्धांत चतुर्वेदी, विजय वर्मा और कल्कि कोचलिन इस शानदार फिल्म का हिस्सा रहे हैं जिसमे बॉक्स ऑफिस के साथ साथ लोगो के दिलो पर भी राज़ किया।

    आर्टिकल 15

    नवीनतम रिलीज़ आयुष्मान खुराना की फिल्म दर्शको का दिल जीतने में कामयाब हो रही है। संविधान के आर्टिकल 15 पर आधारित फिल्म जात के नाम पर होने वाले भेदभाव पर एक कड़ा वार है जो कई लोगो को सोचने पर मजबूर कर देगी। अनुभव सिन्हा द्वारा निर्देशित फिल्म ने न केवल समाज की असली तस्वीर दिखाई है बल्कि दर्शको को भेदभाव रोकने के लिए प्रेरित भी किया है।

    कबीर सिंह 

    हर बार की तरह शाहिद कपूर ने इस फिल्म में भी जबरदस्त प्रदर्शन दिया है लेकिन इस बार बात अलग है। इस बार शाहिद ने न केवल दर्शको के दिलो पर गहरी छाप छोड़ी बल्कि अपने करियर की सबसे ज्यादा कमाने वाली सोलो फिल्म भी दे डाली। संदीप वंगा द्वारा निर्देशित फिल्म ने रिलीज़ होते ही कई इस साल एक कई रिकार्ड्स तोड़ डाले लेकिन इससे ज्यादा महत्वपूर्ण है शाहिद का हिंसक प्रदर्शन और इसकी रोमांचक कहानी जिसने दर्शको को फिल्म के अंत तक अपनी सीट तक चिपकाए रखा।

    मर्द को दर्द नहीं होता 

    अंडररेटेड फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर भले ही सामान्य कलेक्शन किया हो लेकिन इसके यूनिक कांसेप्ट ने निश्चित तौर पर सभी का ध्यान अपनी और आकर्षित कर लिया है। वसन बाला ने फिल्म से 70 और 80 के दशक के सिनेमा को ट्रिब्यूट दिया है और अगर आपने ये फिल्म नहीं देखी तो आप बड़ी गलती कर रहे हैं। अभिमन्यु दस्सानी और राधिका मदान की फिल्म ने अपने ज़ोरदार एक्शन से स्क्रीन पर तहलका मचा दिया है।

    हामिद 

    एक बच्चे की मासूम सी कहानी लेकिन फिर भी आपको इतना कुछ सिखा देगी। कश्मीर में सेट की गयी ये फिल्म आपका दिल पिघला देगी, दर देगी, भावुक कर देगी और सबसे अहम- आप पर अपनी छाप छोड़ देगी। रसिका दुगल ने एक ऐसी पत्नी का किरदार निभाया है जिसका पति खो गया है और उसका बच्चा उसे ढूंढने की कोशिश करता है। बाल कलाकार ताल्हा अरशद रेशी ने अपने प्रदर्शन से सभी को चौका दिया है। ये गज़ब की फिल्म भी बहुत अंडररेटेड है।

    सोनचिड़िया 

    दुःख की बात है कि दर्शको ने इस दिलचस्प फिल्म की जगह मामूली सी कॉमेडी ‘लुका छुपी’ को तवज्जो दी। दोनों का बॉक्स ऑफिस पर क्लैश हुआ था जिसमे सुशांत सिंह राजपूत और भूमि पेडनेकर की फिल्म ‘सोनचिड़िया’ के शानदार प्रतिक्रिया के बावजूद भी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। फिल्म की कहानी आपको पुरानी डकैत फिल्मो की याद दिला देगी और आप फिल्म देखने के बाद, निश्चित तौर पर सॉलिड महसूस करेंगे।

    एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा 

    देश की पहली समलैंगिक फिल्म ने ट्रेलर के वक़्त से ही लोगो का ध्यान खींच लिया था। फिल्म में अनिल कपूर, सोनम कपूर, राजकुमार राव और जूही चावला जैसे कुछ काबिल अभिनेताओं ने काम किया था और फिल्म ने लेस्बियन के मुद्दे को बड़ी ही खूबसूरती से दिखाया। निर्देशक शेली चोपड़ा धर ने ऐसी फिल्म बनाकर बहुत हिम्मत वाला काम किया है। फिल्म ने ज्यादा अच्छा प्रदर्शन नहीं किया लेकिन इसके बाद भी, फिल्म को न देखकर आप बहुत बड़ी चीज़ मिस कर रहे हैं।

     

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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