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    2000 रूपए के नोट

    एसबीआई द्वारा किये गए एक शौध के मुताबिक भारतीय रिज़र्व बैंक नें या तो 2000 रूपए के नोटों की छपाई को बंद कर दिया है, या फिर उनकी सप्लाई को रोक के रखा है। आरबीआई द्वारा लोक सभा में जमा कराये गए आंकड़ों की जांच करने के बाद एसबीआई की मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्या कांति घोष ने इस बात का खुलासा किया।

    एसबीआई की इस रिपोर्ट में कहा गया, “हमने पाया है कि मार्च 2017 तक छोटे नोटों की कुल कीमत करीबन 3,50,100 करोड़ रूपए थी। इसका मतलब यह है कि 8 दिसम्बर को बड़े नोटों की कुल कीमत 13,32,400 करोड़ रूपए थी।”

    इसमें आगे कहा गया कि लोक सभा में वित्त मंत्रालय ने हाल ही में कहा था कि 8 दिसम्बर तक आरबीआई नें 16,957 मिलियन 500 के नोट छापे थे एवं 3,654 मिलियन 2000 रूपए के नोट छापे थे। इन नोटों की कुल कीमत 15,78,700 करोड़ रूपए होती है।

    रिपोर्ट में आगे कहा गया, “इसका मतलब यह है कि बड़े नोटों में 2,46,300 करोड़ (15,78,700 करोड़ – 13,32,400 करोड़) की राशी के नोट आरबीआई नें छापे तो हैं, लेकिन बाजार में जारी नहीं किये।

    रिपोर्ट में आगे कहा गया, “यह भी हो सकता है कि सामन्य लेन-देन में 2000 रूपए के नोटों की वजह से समस्याएं आ रही हों जिसकी वजह से आरबीआई नें इनकी सप्लाई पर रोक लगा दी हो। यह भी हो सकता है कि पहले आरबीआई नें 2000 के ज्यादा नोटछाप दिए हों लेकिन अब इनकी छपाई पर अंकुश लगाया जा रहा हो।”

    जाहिर है पिछले साल नोटबंदी के बाद सरकार नें करीबन 85 प्रतिशत कैश को अमान्य घोषित कर दिया था। इसके बाद नोटों की भरपाई करने के लिए आरबीआई नें 2000 रूपए के नोटों को छापना शुरू किया था। जब 2000 रूपए से काम नहीं बना, तब आरबीआई नें 500 के नए नोट जारी किये।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।