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नई दिल्ली, 6 जून (आईएएनएस)| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय बैंक यह सुनिश्चित करेगा कि प्रमुख ब्याज दरों में कटौती का हस्तांतरण जल्द और ज्यादा हो।

दरअसल, केंद्रीय बैंक द्वारा प्रमुख ब्याज दरों में कटौती का पूरा फायदा ग्राहकों को दिलाने में वाणिज्यिक बैंकों की दिलचस्पी कम रही है। इसलिए, आरबीआई गवर्नर का यह बयान काफी महत्वपूर्ण है।

आरबीआई ने इस साल लगातार तीसरी बार प्रमुख ब्याज दर यानी रेपो रेट में कटौती जारी रखी, जिससे 2019 में अब तक रेपो रेट में कुल 0.75 फीसदी यानी 75 आधार अंकों की कटौती हो चुकी है।

उम्मीद की जाती है कि केंद्रीय बैंक के इस कदम से आने वाले दिनों में कारोबार में तेजी आएगी और उपभोग मांग बढ़ेगी।

लगातार तीन बार प्रमुख ब्याज दरों में कटौती से आवासीय और वाहन कर्ज पर सस्ता होने की उम्मीद की जा सकती है।

गौरतलब है कि ऑटो और रियल स्टेट सेक्टर दोनों अर्थव्यवस्था के विकास में काफी मायने रखते हैं और इनमें तेजी आने से रोजगार बढ़ेगा।

हालांकि यह ब्याज दरों में कटौती का हस्तांतरण ग्राहकों तक करने में वाणिज्यिक बैंकों की दिलचस्पी पर निर्भर करेगा।

फिच समूह की कंपनी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने एक बयान में कहा कि प्रमुख ब्याज दर में कटौती का हस्तांतरण हाल के दिनों में एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है।

By पंकज सिंह चौहान

पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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