गुरूवार को आरबीआई की एक बैठक के बाद घोषणा की गयी की आरबीआई द्वारा ब्याज दर में .25 प्रतिशत की कटौती कर दी गयी है जोकि कम महंगाई के चलते की गयी है। बतादें की शक्तिकांत दस के गवर्नर बन्ने के बाद से पहलीं बार दर बदली है।
यह उल्लेखनीय है की पिछले 18 महीनों में 2 बार दर में परिवर्तन किया गया था लेकिन दोनों बार परिवर्तन के रूप में दर में बढ़ोतरी की गयी थी। 18 महीनों में दो बार बढ़ोतरी के बाद यह पहली बार था की हमें दर में कटौती देखने को मिली।
इस तरह लिया गया फैसला :
दरों को कम करने का निर्णय लेने के लिए बैठक में इस पर विचार किया गया था और निर्णय के लिए मत मांगे गए थे। कुल छः लोगों में से 4 लोगों ने दर कम करने के फैसले का समर्थन किया वहीँ 2 लोग इसके खिलाफ थे। हालांकि इन छः सदस्यों की समिति में से सभी ने पालिसी में बदलाव की अर्जी लगाईं है।
उप-राज्यपाल वायरल आचार्य और एक अन्य एमपीसी सदस्य, चेतन घाटे ने ब्याज दरों में कोई बदलाव न करने के लिए मतदान किया, जबकि शक्तिकांत दास और तीन अन्य ने ब्याज दरों में कटौती के लिए मतदान किया। अतः इसके परिणामस्वरूप ब्याज दर कम कर दिया गया।
शक्तिकांत दस का बयान :
जब शक्तिकांत दस से पूछा गया की आरबीआई के ब्याज दर घटाने से क्या सभी बैंक भी अपने लोन की दरों में कटौती करेंगे तो इस पर शक्तिकांत दस ने कहा की अगले 15 दिनों के समय में वे विभिन्न बैंकों के अधिकारियों से ओस संबंध में बात करेंगे।
शक्तिकांत दस ने ब्याज दर की कटौती के बारे में कहा की यह अर्थव्यवस्था में स्थिरता रखने और विकास दर को बढाने के लिए ज़रूरी होता है और यही केंद्रीय बैंक का मुख्य कार्य होता है।
वर्तमान दरों के बारे में जानकरी :
पॉलिसी के बाद, रेपो रेट (जिस दर पर आरबीआई बैंकों को उधार देता है) 6.5% से 6.25% तक कम हो गया है। गवर्नर ने यह भी संकेत दिया कि यदि इस साल कीमतों में वृद्धि नहीं होती है तो इस साल इन दरों मे भी बढ़ोतरी की कोई गुंजाइश नहीं है। रेपो रेट के कम हो जाने से बैंक भी अपना व्याज दर कम करेंगे।