अभी एक दिन पहले ही रुपये द्वारा अपने सबसे निम्नतम स्तर तक पहुँचते हुए अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में 74 रुपये प्रति डॉलर कीमत पर आ जाने वाले रुपए को लेकर आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने एक बयान दिया है, उन्होने कहा कि अन्य देशों कि मुद्राओं कि तुलना में रुपया फिर भी बेहतर स्थिति में है।
इसी शुक्रवार को आरबीआई की चौथी द्विमासी नीति में आरबीआई ने अपने रेपो रेट को पहले जैसा ही रखा है। जिसके बाद सुबह 73.52 रुपये प्रति डॉलर पर खुलने वाला रुपया शाम को 74.13 रुपये प्रति डॉलर पर आकर बंद हुआ।
पटेल ने इस बात को स्वीकारा है कि देश अभी आर्थिक दृष्टि से बाहरी कारकों से ढंग से निपटना नहीं सीख पाया है।
इसी के साथ पटेल ने कहा कि इस दौरान रुपया करीब 5 प्रतिशत गिरा है, लेकिन देश में अभी करीब 400.5 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा है, जिसके चलते देश करीब 10 महीनों तक हर तरह के आयात का बोझ उठा सकता है।
वहीं अगर आंकड़ों पर नज़र डालें तो जनवरी से डॉलर के मुक़ाबले अब तक रुपया करीब 17 फीसदी गिर चुका है।
विदेशी मुद्रा भंडारण ने अप्रैल महीने में 426.028 अरब डॉलर का रिकॉर्ड आंकड़ा छू लिया था, लेकिन रुपये में गिरावट के बाद उसकी कीमतों में भी कमी आई है।