अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन के डेब्ट रेसोल्यूशन प्लान की प्रतिक्रिया में इसके शेयरों में करीब 40 प्रतिशत की गिरावट देखी गयी। बतादें की हाल ही में रिलायंस ने स्वयं को दिवालिया घोषित करने की अर्जी लगाई है जिसके चलते निवेशकों ने यह प्रतिक्रिया दी है।
आरकॉम के कर्ज की जानकारी:
रिलायंस कम्युनिकेशन पर कुल 46,000 करोड़ का कर्ज बाकी है। यह जानकारी अक्टूबर में रिलायंस द्वारा पब्लिक में जारी की गयी थी। अब यदि कंपनी दिवालिया घोषित होती है तो इतनी कर्ज राशि इसकी परिसंपत्तियां बेचकर चुकाई जायेंगी। कंपनी बोर्ड का मानना है कि यह कदम सभी संबंधित पक्षों के हित में होगा। इससे 270 दिन की तय अवधि में आरकॉम की संपत्ति बेचकर कर्ज के भुगतान की पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित हो सकेगी।
बिजनेस टुडे नें बताया कि यदि जिओ के साथ सौदे को टेलिकॉम विभाग द्वारा मंजूरी मिल जाती तो वह 25,000 करोड़ तक का कर्ज चूका सकती थी जिससे आज दिवालिया घोषित होने की नौबत ना आती।
आरकॉम का बयान :
इस सन्दर्भ में कंपनी ने बयान दिया “रिलायंस कम्युनिकेशंस के निदेशक मंडल ने एनसीएलटी के माध्यम से ऋण समाधान योजना लागू करने का निर्णय किया है। कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने शुक्रवार को कंपनी की कर्ज निपटान योजना की समीक्षा की। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने पाया कि 18 महीने गुजर जाने के बाद भी संपत्तियों को बेचने की योजनाओं से कर्जदाताओं को अब तक कुछ भी नहीं मिल पाया है।
रिलायंस ने दिवालिया होने का यह बताया कारण :
दिवालियापन का फैसला लेने के पीछे रिलायंस ने यह कारण बताया की इतना कर्ज होने पर उन्हें दूरसंचार विभाग द्वारा लगातार चुनोतियों का सामना करना पड़ रहा था और इसके साथ ही कर्जदार भी ;अगातार मुक़दमे कर रहे थे जिससे कम मुश्किल हो रहा था। इससे नकदी की भी कमी हुई जिससे कर्ज नहीं चुकाया जा सका। जिओ से होने वाली डील को भी दूरसंचार विभाग द्वारा मंजूरी नहीं मिल सकी और इसके चलते दिवालिया घोषित करने का फैसला लेना पड़ा।
दिवालिया घोषित होने के फैसले का निवेशकों पर भारी असर देखा गया और एक ही दिन में रिलायंस के शेयर में करीब 40 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी।