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    अनिल-अम्बानी-आरकॉम

    अनिल अम्बानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन लगभग 45,000 करोड़ रूपए के कर्ज में डूबी हुई है। इसके चलते एक चीनी बैंक, जिसने आरकॉम को करीबन 2 अरब डॉलर का कर्ज दिया था, ने कंपनी के ऊपर दिवालिया होने का केस ठोक दिया था, क्योंकि कंपनी बैंक का कर्ज चुकाने में असमर्थ थी। इसपर अब आरकॉम ने दावा किया है कि उनके सभी 31 अन्य कर्जदाताओं ने चीनी बैंक के इस फैसले का बहिस्कार किया है।

    आरकॉम की ओर से कहा गया, “29 नवम्बर को कंपनी के कर्जदाताओं की हुई बैठक में सभी सदस्यों, जिनमे देशी और विदेशी सदस्य मिलाकर कुल 31 लोग थे, ने मिलकर चीनी बैंक के फैसले को रद्द कर दिया है जिसमे उसने आरकॉम के खिलाफ एनसीएलटी को केस दर्ज करवाया था।”

    बयान में आगे कहा गया कि सभी ऋणदाता चीनी बैंक, जिससे आरकॉम ने लगभग 1.78 अरब डॉलर का कर्जा लिया हुआ है, के फैसले को नकार रहे हैं और कंपनी ने जे सागर नामक समूह को अपनी वकालत के लिए चुना है।

    जाहिर है आरकॉम पिछले काफी समय से कर्ज के बोझ से जूझ रही है। इससे पहले मोबाइल कंपनी एरिक्सन ने आरकॉम के खिलाफ 1100 करोड़ डॉलर का कर्जा ना चुका पाने पर कार्यवाई की थी। इसके अलावा मणिपाल टेक्नोलॉजी नामक एक कंपनी भी आरकॉम के खिलाफ कर्ज ना चुकाए जाने पर केस कर चुकी है। टेक महिंद्रा कंपनी ने भी आरकॉम के खिलाफ 8.2 करोड़ का कर्ज ना वापस करने पर ट्रिब्यूनल को शिकायत की थी।

    इन सब कर्जों से छुटकारा पाने के लिए आरकॉम ने हाल ही में एयरसेल से करार करने की कोशिश की थी, लेकिन किसी कारणवश यह डील नहीं हो सकी। इसके अलावा यह भी खबर है कि आरकॉम अपना 4जी स्पेक्ट्रम का व्यापार बेचने की तैयारी में है। इसके खरीदने के लिए रिलायंस जिओ के आने की खबर थी।

    ऐसे में जाहिर है कि आरकॉम जल्द ही किसी कंपनी के साथ बड़ा समझौता करेगी, जिससे पुराने पड़े सारे कर्ज चुकाए जा सकें।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।