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    मोहन भागवत आरएसएस

    राष्ट्रिय समाजसेवक संघ (आरएसएस) जल्द ही दिल्ली में एक भाषण सम्मलेन करने जा रहा है, तो तीन दिन चलेगा। संघ नें इसके लिए 60 देशों के अधिकारीयों को आमंत्रित करेगा। संघ प्रमुख मोहन भागवत इसका संचालन करेंगे, जिसके दौरान वे दर्शकों से सवाल भी लेंगें।

    आरएसएस नें अपने इस सम्मलेन के लिए लगभग सभी पड़ोसी देशों को आमंत्रण भेजा है, जिसमें चीन भी शामिल है। संघ नें हालाँकि पाकिस्तान को अपनी सूचि से अलग रखा है।

    आरएसएस नें इस सम्मेलन के लिए देश की सभी बड़ी राजनैतिक पार्टियों को भी आमंत्रित कर रही है। इसके अलावा देशभर के विभिन्न क्षेत्रों से लोग, मीडिया आदि को भी इसमें शामिल होने का आमंत्रण है।

    आरएसएस की ओर से इस बारे में कहा गया, “ज्यादातर एशियाई देशों को हम आमंत्रण भेजेंगे, जिनमें पाकिस्तान नहीं होगा। पाकिस्तान को आमंत्रित नहीं किया जाएगा क्योंकि वह देश आतंकवाद का समर्थन करता है, सीमा पर भारतीय जवानों को मारता है और भारत से उसके सम्बन्ध भी ठीक नहीं है।”

    जब चीन के बारे में पूछा गया तो संघ नें कहा कि चीन को बुलाया जाएगा क्योंकि भारत और चीन के बीच सांस्कृतिक संबंध हैं।

    तीन दिन चलने वाला यह सम्मलेन 17 सितम्बर से शुरू होगा जिसमें मोहन भागवत दर्शकों को संबोधित करेंगे। इस सम्मलेन का शीर्षक है “भारत का भविष्य: आरएसएस का नजरिया”।

    आपको बता दें कि 27 अगस्त को एक प्रेस वार्तालाप के दौरान आरएसएस के आल इंडिया प्रचार प्रमुख अरुण कुमार नें इस सम्मलेन के बारे में बताया था, “आज भारत पुरे विश्व के देशों में एक विशेष स्थान की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में, देश के एक बड़े तबके के मन में यह सवाल है कि आरएसएस देश की प्रगति के बारे में क्या सोचता है और विभिन्न विषयों के बारे में क्या मत रखता है?”

    “यह भाषण सम्मलेन इसी बारे में आयोजित किया जा रहा है जिसमें सरसंघचालक श्री मोहन भागवत जी आरएसएस का विभिन्न विषयों पर नजरिया रखेंगे।”

    पहले दिन मोहन भावगत आरएसएस, इसकी संस्था, विचारधारा, सपना, विभिन्न गतिविधियों और योजनाओं के बारे में बात करेंगे। दुसरे दिन भागवत कई राष्ट्रिय मुद्दों जैसे आरक्षण, हिंदुत्व और साम्प्रदायिकता आदि पर अपने विचार रखेंगे।

    यह आरएसएस द्वारा आयोजित किया जाने वाला पहला ऐसा कार्यक्रम है, जिसमें संघ सीधे जनता के सामने अपनी राय रखेगा।

    शुरूआती दो दिनों के अन्दर लोगों से उनके सवाल लिखित में लिए जायेंगे। इसके बारे में बताया गया, “ऐसा हो सकता कि कई लोग एक ही सवाल पूछ लें। इसी कारण से सवालों को पहले ले लिया जाएगा, और उसमें बार-बार पूछे गए सवालों को हटा दिया जाएगा। इसके बाद सरसंघचालक जी अपने भाषण में इन सभी सवालों के जवाब देंगें।”

    सूत्रों नें यह भी बताया कि आरएसएस विभिन्न राजनैतिक पार्टियों के मुख्य लोगों को भी आमंत्रण भेजेगी, जिसमें उनसे कार्यक्रम में शामिल होने की दर्खावस्त की जायेगी।

    सूत्रों के मुताबिक, “राज्य स्तर की पार्टियों में से उन पार्टियों को सवाल भेजे जायेंगे जिनकी पहुँच मजबूत है और जो अक्सर आरएसएस से जुड़े सवाल उठाती है, जैसे तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, डीएमके आदि।”

    आरएसएस से जब यह पूछा गया कि वह राजनैतिक पार्टियों को क्यों बुला रही है, तो उन्होनें बताया, “कई राजनैतिक मुद्दों में आरएसएस को शामिल किया जाता है। ऐसे मुद्दों पर बातचीत इन तीन दिनों के भीतर होगी।”

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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