कई संगठनों द्वारा बहुत पहले से ही भाजपा को अल्पसंख्यक विरोधी पार्टी का दर्जा दिया जाता रहा है। जग-जाहिर रहा है कि भाजपा अपने चुनावों में हमेशा ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिन्दू परिषद की मदद लेती रही है।
ऐसे में आरएसएस के प्रमुख व भाजपा के करीबी मोहन भगवत ने 2019 के आम चुनावों की तैयारी को लेकर अपने बयानों की झड़ी लगा दी है, जिसमें उन्होने ये बताया है कि भाजपा को आने वाले चुनावों में अपनी जीत निश्चित करने के लिए क्या करना चाहिए?
विजय दशमी के पर्व पर एक संगठन की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में भागवत ने बताया कि आगामी आम चुनावों के मद्देनजर अपनी तैयारी की शुरुआत करते हुए भाजपा को अब एक अध्यादेश जारी कर राम मंदिर का निर्माण करना चाहिए।
भागवत ने अपना बयान देते हुए इस बात की कतई परवाह नहीं की है कि अयोध्या में राम मंदिर संबंधी मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इसी के साथ उन्होने 1990 में रामजन्मभूमि आंदोलन का हवाला देते हुए कहा कि “कोर्ट को किसी की आस्था के मामले में बोलने का कोई अधिकार नहीं है।”
इसी के साथ ही भागवत ने कहा कि “पूरे देश में ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ जारी करने के लिए जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटा लिया जाये।”
भाजपा हालाँकि 2019 के आम चुनावों को लेकर बेहद फूँक-फूँक कर कदम रख रही है। इसके चलते वो हिन्दू वोट बैंक के साथ ही अल्पसंख्यक वोट बैंक पर पर नज़र बना कर रखे हुए है। भाजपा इस बार कट्टर हिन्दू व लिबरल हिन्दू दोनों को ही साथ लेकर चलने का मन बना रही है।
अल्पसंख्यक वोटों को अपने पक्ष में करेने के ही उद्देश्य से भाजपा ने ट्रिपल तलाक जैसे मुद्दे पर अपना कड़ा रुख अपनाया था।