Mon. Dec 23rd, 2024
    indresh-kumar-

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता इन्द्रेश कुमार ने देश के सर्वोच्च न्यायालय पर बड़ा हमला करते हुए अयोध्या मामले की सुनवाई करने वाली खंडपीठ से कहा कि अगर न्याय नहीं दे सकते तो उन्हें पद छोड़ देना चाहिए।

    संघ नेता ने कहा कि देश इतना अपाहिज भी नहीं है कि 2-3 जज मिलकर देश की मन्यातों को झुठला दें।

    इन्द्रेश कुमार ने दावा किया कि मोदी सरकार अयोध्या में विवादित भूमि पर राम मंदिर के निर्माण के लिए क़ानून बनाने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि सरकार अभी सिर्फ इसलिए खामोश है ताकि 5 राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता का उल्लंघन ना हो।

    उन्होंने कहा कि अयोध्या में मंदिर बनने से देश जलेगा नहीं, हम पहले भी तीन तलाक मामले में देख चुके हैं।

    इन्द्रेश कुमार ने अयोध्या मामले की सुनवाई करने वाली जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि ‘मैं किसी का नाम नहीं ले रहा क्योंकि देश की 125 करोड़ जनता सबका नाम जानती है।उन्होंने न्याय देने में देरी की, न्याय देने से इनकार किया और उन्होंने जनभावना का अपमान किया।

    उन्होंने दावा किया कि तीन जजों की वजह से जनता को तकलीफ हुई, और लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है। उन्हें सोचना चाहिए कि उन्हें न्याय देना है या इस्तीफा।’

    गौरतलब है कि कोर्ट ने नवम्बर की शुरुआत में राजनितिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि केस की सुनवाई जनवरी 2019 तक के लिए टाल दी थी। उसके बाद जल्दी सुनवाई के लिए डाली गई पुनर्विचार याचिका को भी कोर्ट  ने खारिज कर दिया था।

    इंद्रेश ने कहा ‘जनता तैयार है, सरकार तैयार है लेकिन कुछ लोग हैं जो क़ानून का विरोध कर रहे हैं। लेकिन कुछ बाधाएं कोई परेशानी खडी नहीं कर सकती।’ उन्होंने ये भी कहा कि हो सकता है क़ानून लाने के खिलाफ कोई सरफिरा सुप्रीम कोर्ट जायेगा तो हो सकता है कि आज का चीफ जस्टिस उसे स्टे भी कर सकता है।’

    उन्होंने कहा कि दुनिया में लाखो मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारे होंगे लेकिन जिस तरह से काबा एक है, वेटिकन एक है, स्वर्ण मंदिर एक है उसी तरह राम की जन्मभूमि भी एक है।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *