आरएसएस का मराठी मुख्य पत्र ‘तरुण भारत’ में शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे द्वारा प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ दिए गए बयानों के लिए कड़ा हमला किया गया है। गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे ने सोमवार को अपने भाषण में कहा था ‘चौकिदार चोर है’।
मुख्य पत्र में उद्धव से सवाल किया गया है कि अगर ऐसी बात है तो शिवसेना क्यों ऐसे सरकार का साथ दे रही है जो घोटालेबाज है? वो गठबंधन से अलग क्यों नहीं हो जाती? तरुण भारत में ये भी कहा गया है शिवसेना इस सरकार को गालियाँ देती है उसी के साथ राज्य और केंद्र में जुड़कर सत्ता का मलाई भी खाती है।
सम्पादकीय में कहा गया है कि ‘चौकीदार चोर है’ के जरिये ठाकरे खुद को और अपने मंत्रियों को चोर कह रहे हैं।” कहा गया है कि “अगर ठाकरे को लगता है कि चौकीदार चोर है तो उन्हें तुरंत चौकीदार की सरकार छोड़ कर अलग हो जाना चाहिए।”
अखबार ने कहा, “शिवसेना ने सत्ता छोड़ने का इरादा नहीं किया है और न ही ऐसा करने की हिम्मत है। बाला साहेब की शिवसेना और अब की शिवसेना में बहुत अंतर है। जिस तरह कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने ‘चोर’ शब्द का इस्तेमाल करके प्रधानमंत्री का अपमान करते हुए अपनी अनुभवहीनता दिखाई, उसी तरह ठाकरे ने अपनी खुद की अनुभवहीनता उजागर की।”
संपादकीय में यह भी सवाल उठाया गया कि शिवसेना ने अचानक राम मंदिर का मुद्दा क्यों उठाया। “ऐसा इसलिए है क्योंकि शिवसेना 2019 के चुनाव से डर गई है … शिवसेना यह मानने को तैयार नहीं है कि छोटा भाई (भाजपा) अब बड़ा भाई (गठबंधन में) बन गया है। यह शिवसेना का भ्रम है कि वह राम मंदिर के मुद्दे पर आगे आकर सत्ता में आ सकती है।”
शिवसेना के मुखपत्र सामना ने बुधवार को अपने संपादकीय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान ‘सत्ता कुछ लोगों के लिए ऑक्सीजन की तरह है’ के लिए उनपर जमकर हमला बोला।