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    आयुर्वेद चिकित्सकों को मिलेगी नई पहचान, शुरू हुई ‘आयुर्वेद ज्ञान नैपुण्य पहल’

    आयुष मंत्रालय के तहत केंद्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद (CCRAS) ने आयुर्वेद चिकित्सकों के लिए एक नई पहल ‘आयुर्वेद ज्ञान नैपुण्य पहल’ (AGNI) शुरू की है। यह पहल आयुर्वेद से जुड़ी व्यावहारिक प्रथाओं को वैज्ञानिक सत्यापन और साक्ष्य-आधारित मूल्यांकन के माध्यम से मुख्यधारा में लाने के लिए अनुसंधान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई है।

    इस पहल के तहत, आयुर्वेद चिकित्सक अपनी नवीन प्रथाओं और अनुभवों के बारे में बता सकते हैं। CCRAS इन प्रथाओं और अनुभवों का दस्तावेजीकरण और प्रकाशन करेगा। इसके अलावा, आयुर्वेद चिकित्सकों के सहयोग से, CCRAS इन प्रथाओं के वैज्ञानिक सत्यापन और साक्ष्य-आधारित मूल्यांकन के लिए अनुसंधान अध्ययन करेगा।

    CCRAS के महानिदेशक प्रोफेसर रबिनारायणन आचार्य ने कहा, “यह पहल आयुर्वेद चिकित्सकों के बीच साक्ष्य-आधारित अभ्यास की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह आयुर्वेद के क्षेत्र में नवाचार को भी बढ़ावा देगा।”

    उन्होंने कहा, “हम आयुर्वेद चिकित्सकों से अपनी नवीन प्रथाओं और अनुभवों के बारे में हमें बताने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। हम इन प्रथाओं के वैज्ञानिक सत्यापन और साक्ष्य-आधारित मूल्यांकन के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

    AGNI पहल के लिए इच्छुक योग्य आयुर्वेद चिकित्सक 15 दिसंबर, 2023 तक CCRAS वेबसाइट पर उपलब्ध प्रारूप में दिलचस्पी (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट) भेज सकते हैं।

    यह पहल आयुर्वेद को वैश्विक पटल पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। आयुर्वेद चिकित्सकों के नवाचारों को वैज्ञानिक सत्यापन और साक्ष्य-आधारित मूल्यांकन के माध्यम से स्थापित करने से आयुर्वेद को एक विश्वसनीय और प्रभावी चिकित्सा पद्धति के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी।

    इस समय लगभग 5,00,000 से अधिक पंजीकृत आयुर्वेद चिकित्सक मुख्य रूप से भारत में काम कर रहे हैं। आयुष मंत्रालय के तहत सीसीआरएएस एक शीर्ष अनुसंधान संगठन है जो आयुर्वेद में वैज्ञानिक आधार पर अनुसंधान कराने, उनके लिए समन्वय, सूत्रबद्ध करने, विकास और बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

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